रोहतास में जहरीली शराब से मौत के बाद एसओपी लागू करे सरकार : सुशील
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि दिवाली की रात रोहतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मृत्यु से पूर्ण शराबबंदी लागू करनें में बिहार की नीतीश सरकार की विफलता फिर उजागर हुई है

पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि दिवाली की रात रोहतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मृत्यु से पूर्ण शराबबंदी लागू करनें में बिहार की नीतीश सरकार की विफलता फिर उजागर हुई है।
श्री मोदी ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि भाजपा पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में है, लेकिन सरकार अब भी उन नौ मुख्य कारणों को दूर करने के प्रति गंभीर नहीं जो उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से गिनाये हैं। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब पीने से इस साल के दस महीनों में 50 लोगों की जान चुकी है। रोहतास की ताजा घटना के बाद प्रशासन जहरीली शराब को मौत का कारण मानने से इनकार कर ‘अज्ञात बीमारी’ की कहानी गढ़ रहा है।
भाजपा सांसद ने कहा कि जहरीली शराब पीने वालों का इलाज करने के लिए सरकार को उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तुरंत लागू करनी चाहिए। उन्होंने उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि शराबबंदी लागू करने में विफलता के कारण राज्य में प्रतिबंधित मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन में कई गुना वृद्धि हुई। सबसे ज्यादा चिंताजनक है तस्करी में किशोर बच्चों का इस्तेमाल होना।
श्री मोदी ने कहा कि शराबबंदी पुलिस-प्रशासन के लोगों की अवैध आय का बड़ा जरिया बन गई है इसलिए शराब माफिया और तस्करों पर नहीं, केवल मामूली लोगों पर कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के नाम पर चार लाख लोग जेलों में डाल दिये गए और उनके मामले निपटाने में अदालतों पर बोझ बढ़ा।
भाजपा सांसद ने कहा कि उच्च न्यायालय के 16 न्यायाधीश केवल शराबबंदी से जुड़े मामलों में जमानत की याचिका निपटाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब के कारण सोहसराय में पांच, बांका मे 12, मधेपुरा में तीन,औरंगाबाद में 13 और सारण में 17 लोग जान गंवा चुके हैं।


