सरकार को अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिये निर्यात को सर्वोपरि प्राथमिकता देनी चाहिए: फियो
भारतीय निर्यातक संघ (फियो) ने रुपये की हालत सुधारने और अर्थव्यवस्था के विकास को रफ्तार देने के लिये सरकार से निर्यात को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की माँग करते

नयी दिल्ली। भारतीय निर्यातक संघ (फियो) ने रुपये की हालत सुधारने और अर्थव्यवस्था के विकास को रफ्तार देने के लिये सरकार से निर्यात को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की माँग करते हुए आज कहा कि इसके लिये ढाँचागत सुधारों साथ संबंधित प्रक्रियाओं को सरल किया जाना चाहिये।
फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने आज यहाँ संवाददाताओं से कहा कि विदेशों में निर्यातकों द्वारा अर्जित किया गया धन ही देश में रहता है। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और विदेशी संस्थागत निवेश का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर दीर्घकाल तक भरोसा नहीं किया जा सकता।
उन्होेंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट चिंता का विषय है। हालाँकि दुनिया में कई देशों की मुद्राओं में गिरावट हो रही है। अफगानिस्तान की पेसो, ब्राजील की रियाल, रुस की रुबल, दक्षिण अफ्रीका की रैेंड में तुर्की की लीरा में रुपये की तुलना में ज्यादा गिरावट हुई है।
उन्होंने रुपये की कीमत में गिरावट से निर्यातकों काे लाभ होने की धारणा को गलत बताया और कहा कि कच्चे माल तथा माल वहन की कीमतें बढ़ जाती हैं और जो सौदे रुपये के माध्यम से होते हैं, उनका अंतर चुकाना पड़ता है। वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल होने के कारण रुपये के दामों में कमी आ रही है। ये देश अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि रुपये और अर्थव्यवस्था को सँभालने के लिये सरकार को निर्यात को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिये। इससे न केवल रुपये को संबल मिलेगा बल्कि अर्थव्यवस्था के विकास को गति मिलेगी।


