मणिपुर की स्थिति पर सर्वदलीय बैठक बुलाए सरकार : कांग्रेस
कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि मणिपुर में मासूम युवाओं का अपहरण करके उनकी हत्या की जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं वे भयावह हैं और इससे साफ है कि पिछले पांच माह में वहां स्थिति बहुत बिगड़ी है और सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रही है

नई दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि मणिपुर में मासूम युवाओं का अपहरण करके उनकी हत्या की जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं वे भयावह हैं और इससे साफ है कि पिछले पांच माह में वहां स्थिति बहुत बिगड़ी है और सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
कांग्रेस नेता तथा लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन युवाओं की भयावह तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं वे खौपनाक हैं और जिन लोगों ने यह अपराध किया है उनको जल्द से जल्द पकड़कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
श्री गोगोई ने कहा, “हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी सारी पार्टियों की बैठक बुलाएं और हम सभी मिलकर मणिपुर की समस्या का कोई समाधान निकालें। अगर पत्रकार सच्चाई दिखाना चाहते हैं तो उन पर प्राथमिकी हो जाती है। इंटरनेट पर सच्चाई दिखने लगी तो पांच दिन के लिए इंटरनेट बंद कर दिया। ऐसा कब तक चलेगा। प्रधानमंत्री मोदी को और कितने सबूत चाहिए।”
उन्होंने कहा, “देश के प्रधानमंत्री ने मणिपुर को अपनी पीठ दिखा दी है। मणिपुर में करीब पांच महीने पहले हिंसा शुरू हुई, लेकिन श्री मोदी आज तक वहां नहीं गए। सवाल है कि क्या देश ने श्री नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री सिर्फ प्रचार और उद्घाटन के लिए बनाया है। हम जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री ने बीते पांच महीनों में खुद कितनी बार मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से बात की है।”
कांग्रेस नेता ने कहा,“मणिपुर का दर्द आज पूरा देश महसूस कर रहा है। मणिपुर में राज्य सरकार जिस तरह लाठियों और आंसू गैस के जरिए छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, कांग्रेस उसकी निंदा करती है।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मणिपुर के मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देने का आदेश कब देंगे। मणिपुर में भाजपा की सरकार महिलाओं और बच्चों को बचाने में नाकाम रही है। वहां न जवान सुरक्षित हैं और न पुलिसकर्मी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी खुद की छवि के मायाजाल में ऐसे फंस चुके हैं कि उन्हें मणिपुर की वास्तविक स्थिति दिखाई नहीं दे रही। इस दुःख की घड़ी में हम मणिपुर के छात्रों, शिक्षक समाज और मणिपुर के हर नागरिक के साथ खड़े हैं।”


