सरकार ने दिया जवाब: उपराज्यपाल कार्यालय गलत तरीके से पेश कर रहा है तथ्य
उपराज्यपाल के कार्यालय में विधायकों द्वारा कब्जा जमाने की खबरों के बाद अरविंद केजरीवाल के कार्यालय ने कहा कि सरकार ने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बनाने की मंजूरी संबंधी फाईल को उपराज्यपाल को भेजा था

नई दिल्ली। उपराज्यपाल के कार्यालय में विधायकों द्वारा कब्जा जमाने की खबरों के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय ने कहा कि सरकार ने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बनाने की मंजूरी संबंधी फाईल को उपराज्यपाल को भेजा था और उन्होंने फाइल को सतर्कता विभाग में भेज दिया। सतर्कता विभाग ने इसे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के प्रभारी मंत्री को इसे साझा करने से इनकार कर दिया। आज, मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल से टेलीफोन पर अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे पर चर्चा कर इसे सुलझाने के लिए मंत्रियों के साथ राजनिवास आने के लिए तैयार हैं, इस पर उपराज्यपाल ने मना कर दिया।
सतर्कता विभाग द्वारा दुर्भावनापूर्ण इरादों के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा दायर की गई शिकायतों पर मामला बनाया है जबकि उनकी आपत्तियां स्पष्टनहीं हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा कि यह दुखद है कि फाईल के बावजूद उपराज्यपाल सचिवालय से यह निर्देश दिए गए कि मंत्री को इसे न दिखाया जाए और अब कहा जा रहा है कि फाइल सरकार के पास लंबित है। मोहल्ला क्लिनिक को दुनिया भर में प्रशंसा मिली है इसलिए सरकार अपील करती है कि दिल्ली की बेहतरी के लिए राजनीति न करें।
इस बयान में कहा कि यह मौसम दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों का होता है और पिछले दो वर्ष में मोहल्ला क्लिनिक ने इस मौसम में बुखार क्लीनिक के रूप में प्रभावी काम किया है।
वहीं देर शाम उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल कार्यालय तथ्यों का गलत तरीके से पेश कर रहा है कि मुख्यमंत्री उपराज्यपाल से मिलने नहीं आए। जबकिमुख्यमंत्री ने मोहल्ला क्लीनिक के हित में किसी भी समय आने की पेशकश की।
वहीं अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि मैंने फोन पर उपराज्यपाल से पेशकश की है कि मैं अधिकारियों और मंत्रियों के साथ आ सकता हूं।
पूरे मामले पर नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों को लेकर आप विधायकों का राजनिवास पर उग्र धरना, प्रदर्शन नौटंकी मात्र है, भाजपा ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है और हम मिलकर केजरीवाल सरकार की शिकायत करेंगे। सरकार ने जुलाई में निर्माण कम्पनी को काम रोकने के आदेश दिए थे और अब घढिय़ाली आसंू बहाकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।


