सरकार का 100 नये हवाई अड्डे बनाने का लक्ष्य: जयंत सिन्हा
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज कहा कि सरकार का आने वाले कुछ वर्षों में मौजूदा नेटवर्क में 100 नये हवाई अड्डे जोड़ने का लक्ष्य है
नयी दिल्ली। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज कहा कि सरकार का आने वाले कुछ वर्षों में मौजूदा नेटवर्क में 100 नये हवाई अड्डे जोड़ने का लक्ष्य है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की सालाना बैठक के पहले दिन यहाँ सिन्हा ने कहा कि पिछले 70 साल में देश में वाणिज्यिक उड़ानों के लिए सिर्फ 74 हवाई अड्डे विकसित किये जा सके जबकि मौजूदा सरकार ने क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के जरिये एक साल में ही 31 नये हवाई अड्डे इस नेटवर्क में जोड़ दिये।
इन 31 हवाई अड्डों के साथ अगले कुछ साल में 100 नये हवाई अड्डों से वाणिज्यिक उड़ानें शुरू करने की योजना है। नवी मुंबई में बन रहे नये हवाई अड्डे के बारे में श्री सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2020 तक उसके पहले चरण का काम पूरा हो जाने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि वहाँ एक रनवे और एक टर्मिनल बनकर तैयार हो जायेगा और उड़ानों का संचालन शुरू किया जा सकेगा। इसका काम 2019 तक पूरा होना था, लेकिन इसके निर्माण में देरी हो रही है।
मुंबई के मौजूदा छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार की संभावना अब नहीं है और वह पहले से ही क्षमता से ज्यादा यात्रियों का बोझ उठा रहा है। नवी मुंबई का हवाई अड्डा इसके विकल्प के रूप में काम करेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार 10 से 15 साल के दौरान हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ाने के लिए तीन लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। लेकिन, नये हवाई अड्डों के लिए जमीन अधिग्रहण का खर्च इसमें शामिल नहीं है जो कभी-कभी शेष पूरी परियोजना से भी महँगा हाेता है। इसमें आरसीएस के तहत किया गया निवेश भी शामिल नहीं है।
कतर एयरवेज के भारत में शत-प्रतिशत विदेशी मालिकाना हक वाली एयरलाइंस बनाने की योजना के बारे में सिन्हा ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के तहत विमानन क्षेत्र में कोई भी विदेशी एयरलाइंस 49 प्रतिशत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कर सकती है। इसके अलावा 51 प्रतिशत निवेश विदेशी संस्थागत निवेशकों का हो सकता है। यदि इन नियमों के तहत कोई भी एयरलाइंस भारत में अपनी इकाई शुरू करना चाहती है तो उसका स्वागत है।


