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पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों के लिए रूपरेखा तैयार कर रही सरकार

केंद्र ने पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के लाभार्थियों की संपूर्ण सामाजिक-आर्थिक रूपरेखा तैयार करने का निर्णय लिया है

पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों के लिए रूपरेखा तैयार कर रही सरकार
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नई दिल्ली। केंद्र ने पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के लाभार्थियों की संपूर्ण सामाजिक-आर्थिक रूपरेखा तैयार करने का निर्णय लिया है।

इसका उद्देश्य अन्य सरकारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), आयुष्मान भारत, उज्‍जवला, जन-धन योजना, सौभाग्य, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) और अन्य में उनके कार्यो को सुविधाजनक बनाना है।

अपने कारोबार को फिर से शुरू करने के लिए स्ट्रीट वेंडर्स (फेरी या ठेला लगाकर सामान बेचने वाले लोग) को ऋण देने के लिए पीएम स्वनिधि योजना को लॉन्च किया गया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है।

बैठक में मुख्य सचिव, यूडी सचिव, प्रमुख सचिव, डीजीपी, कलेक्टर, एसपी, एसएसपी, नगर आयुक्त के साथ ही 125 शहरों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भाग लिया। मंत्री ने कहा कि योजना विक्रेताओं को ऋण सुविधा प्रदान करती है, मगर साथ ही यह सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है कि वे उत्पीड़न मुक्त वातावरण में व्यापार करने में सक्षम हों।

पुरी ने इस अवसर पर यूएलबी पदाधिकारियों के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया। इस ऐप का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स के सोर्स लोन एप्लिकेशन को यूएलबी के कार्यकताओं के लिए उपयोगकर्ता (यूजर) के अनुकूल डिजिटल इंटरफेस प्रदान करना है।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रतिक्रिया भी ली। उन्होंने शहरी विकास मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से अपील की कि वे पीएम स्वनिधि के सफल कार्यान्वयन के लिए प्रमुख हितधारकों के साथ बैठकें आयोजित करें। इसके साथ ही मंत्री ने स्ट्रीट वेंडर्स की आजीविका के संरक्षण को सुनिश्चित करने को भी कहा है।

पुलिस और नगरपालिका के अधिकारियों द्वारा सड़क विक्रेताओं के अनुचित उत्पीड़न के संबंध में हरदीप पुरी ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, "इसके अलावा लाभार्थियों को एक अनुकूल माहौल में अपनी शिकायतों को रखने में मदद करने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक मंच और पुलिस या यूएलबी एवं अन्य संबंधित विभागों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। फोरम को महीने में कम से कम एक बार बैठक करनी चाहिए।"


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