सरकार को किसानों की शहादत से नहीं लेकिन ट्रैक्टर रैली से हो रही शर्मिंदगी: राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता राहुल गांधी अपने विदेश दौरे से आज बुधवार को वापस आ गए हैं और वापस आते ही उन्होंने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता राहुल गांधी अपने विदेश दौरे से आज बुधवार को वापस आ गए हैं और वापस आते ही उन्होंने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। जी हां आज राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया।
राहुल गांधी ने लिखा '60 से ज़्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है।'
60 से ज़्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है!
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को एक बार फिर से आड़े हाथों लेते हुए साफ कहा कि ये सरकरा इतनी निर्दयी हो चुकी है इसे आंदोलन में शहीद हुए 60 से ज्यादा किसानों की कोई परवाह नहीं है बल्कि ये बस अपनी राजनीति देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात की चिंता है कि अगर किसान ट्रॉली से रैली निकालेंगे तो देश से लेकर विदेश में सरकार की आलोचना होगी।
राहुल गांधी ने इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट में कहा, 'क्या कृषि-विरोधी क़ानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यक्तियों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है. ये संघर्ष किसान-मज़दूर विरोधी क़ानूनों के ख़त्म होने तक जारी रहेगा। जय जवान, जय किसान।'
क्या कृषि-विरोधी क़ानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यक्तियों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है?
ये संघर्ष किसान-मज़दूर विरोधी क़ानूनों के ख़त्म होने तक जारी रहेगा।
जय जवान, जय किसान!
गौरतलब है कि आज राजधानी दिल्ली में किसानों का आंदोलन 49वें दिन भी जारी है लेकिन सरकार की तरफ से इसपर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की गई है। सरकार की जगह सुप्रीम कोर्ट ने इस आंदोलन को देखते हुए कृषि कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एक चार सदस्यीय कमेटी भी बना दी है। इस कमेटी में शामिल चारों नामों पर भी सवाल उठने लगे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जो संज्ञान लिया व चिंता जाहिर की वो स्वागत योग्य है।उनकी चिंता से हम भी अपने आपको जोड़ते है।
किसानों से 3 काले कानून को खत्म करने वाली कमेटी के सदस्यो ने पहले ही ये कह दिया कि 3 कानून सही है,किसान गलत है,किसान भटके हुए है।
ऐसी कमेटी किसानों से कैसे न्याय करेगी? pic.twitter.com/lFOyl4wDOv
कांग्रेस ने भी इन नामों पर सवाल उठाए है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने साफ कहा है कि इन 4 में से 3 लोगों ने पहले ही केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों का समर्थन कर दिया है और अब अगर ये इस मुद्दे पर कमेटी का हिस्सा होंगे तो किसानों को न्याय कैसे मिलेगा।
पहले सदस्य कमेटी के हैं अशोक गुलाटी जी, उन्होंने बाक़ायदा ये लेख लिखा व कहा कि ये 3 कानून बिल्कुल रास्ता व सही चीज है, ये भी कहा कि विपक्षी दल भटक गए है व किसान भी शायद भटक गए है।
उन्होंने ये भी कहा कि मैं पहले से ही कह रहा हूं कि इन क़ानूनों के फायदे किसानों के समझ नहीं आ रहे! pic.twitter.com/ne8ocRSk2o
दूसरे सदस्य हैं – पीके जोशी साहब, जो शायद एक इंस्टिट्यूट के हैड भी रहे हैं।
उन्होंने भी एक लेख लिखा और वो तो एक कदम और भी आगे निकल गए। उन्होंने कहा कि ये कानून भी ठीक हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं होना चाहिए। pic.twitter.com/eB9doWHZRP
तीसरे सदस्य हैं, माननीय अनिल घनवट साहब, जो एक संगठन के प्रमुख हैं।
अब घनवट साहब तो इससे भी आगे चले गए।
वो तो जाकर मैमोरेंडम देकर आए, चिट्ठी लिख कर देकर आए और उन्होंने ये कहा कि इन क़ानूनों से ही असली आजादी मिलेगी! pic.twitter.com/tf4fSd4JH6
चौथे जो मैंबर हैं, उन्हें कहा कि ऑल इंडिया किसान जो कॉर्डिनेशन कमेटी, जो सरकारी एक कमेटी है, वो उसके चैयरमेन हैं - भूपेन्द्र सिंह मान साहब और उन्होंने 14 दिसंबर को ये चिट्ठी लिखी बाक़ायदा और वो मिलकर आए मंत्री जी से।
और इस चिट्ठी में क्या लिखा है 👇🏼 pic.twitter.com/hMhQBz3wWB


