नागरिकता कानून मामले में सरकार ने जल्दबाजी की : कांग्रेस
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सरकार ने जल्दबाजी की और इससे संबंधित विधेयक पर आम सहमति बनाने की विपक्ष की सलाह को नजरअंदाज किया

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सरकार ने जल्दबाजी की और इससे संबंधित विधेयक पर आम सहमति बनाने की विपक्ष की सलाह को नजरअंदाज किया है इसलिए देश में इस कानून को लेकर ऐसा माहौल पैदा हुआ है।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रामलीला मैदान में आयोजित रैली के बाद रविवार को यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि मोदी सरकार बहुमत के घमंड में अधिनायकवाद की शैली में काम कर रही है और उसके इसी रवैये के कारण टकराव की स्थिति पैदा हुई है। सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर न सिर्फ जल्दबाजी की बल्कि राजनीति भी की है और मनमानी करने का प्रयास किया है जिसका परिणाम आज देश की जनता काे देखने को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने रैली में बिगड़ती अर्थव्यवस्था तथा बढती बेरोजगारी के संबंध में कुछ कहने की बजाय दिल्ली विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपने विचार रखे हैं और इससे देश का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि छात्र यदि आंदोलन में कूदे हैं तो इससे साफ है कि सरकार की नीतियों के कारण उनका भविष्य दांव पर है और उससे चिंतित होकर वे सड़कों पर उतरे हैं।
नागरिकता कानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के हिंसक होने को कांग्रेस की मौन सहमति संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा अहिंसा का रास्ता अपनाया है और हिंसा का विरोध किया है। कांग्रेस हमेशा अहिंसा के उसी सिद्धांत पर काम करती है जिसको अपनाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांघी अंग्रेजों के खिलाफ लड़े थे और देश को आजादी दिलायी थी।
उन्होंने कहा कि मोदी के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं तथा उसकी सरकारों के मुख्यमंत्रियों के बयानों के कारण देश वर्तमान स्थिति में पहुंचा है। सरकार को पहले बैठक बुलानी चाहिए थी और इस पर आम सहमति बनाने का प्रयास करना चाहिए था लेकिन उसने राजनीति की और रोजगार, किसान और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों को दरकिनार करने का प्रयास किया।


