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सरकारी बैंकों के निजीकरण की अटकलों को स्पष्ट करे सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने सरकारी बैंकों के निजीकरण की अटकलों पर चिंता व्यक्त करते हुए आज राज्यसभा में कहा कि सरकार को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए

सरकारी बैंकों के निजीकरण की अटकलों को स्पष्ट करे सरकार: कांग्रेस
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नयी दिल्ली। कांग्रेस ने सरकारी बैंकों के निजीकरण की अटकलों पर चिंता व्यक्त करते हुए आज राज्यसभा में कहा कि सरकार को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए क्योंकि बैंकिंग तंत्र पर जनता का भरोसा टूटने से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हाेगा।

कांग्रेस के जयराम रमेश ने सदन में भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों के विलय से संबंधित ‘ स्टेट बैंक (निरसन एवं संशोधन) विधेयक 2017 पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि भारतीय स्टेट बैंक में सहयोगी स्टेट बैंक आॅफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक आॅफ त्रावणकोर तथा स्टेट बैंक अॉफ जयपुर एंड बीकानेर के विलय को जायज ठहराते हुए कहा कि इससे देश में बड़े बैंकों की जरुरत पूरी हो सकेगी।

इससे पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक़्ला ने स्टेट बैंक (निरसन एवं संशोधन) विधेयक 2017 चर्चा के लिए सदन में पेश किया। लोकसभा इसे पहले पारित कर चुकी है।

रमेश ने कहा कि देश में बैकिंग सुधार की बहुत जरुरत है लेकिन इसके बारे में अटकलें ही चल रही है। सरकारी बैंकों के निजीकरण पर सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता का राजनेताओं में भरोसा खत्म होना अलग बात है क्योंकि इसका विकल्प उपलब्ध हो जाता है लेकिन बैंकों में विश्वास डगमगाने से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हाेगा। सरकार को इसपर ध्यान देने की जरुरत है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बैंकों को वैश्विक मान्यताओं के अनुरुप बनाया जाना चाहिए लेकिन स्थानीयता का ध्यान रखा जाना चाहिए। इससे बैंकों में जनता का भरोसा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि देश की आवश्यकताओं और आकार को देखते हुए पांच- सात बैंकों से कुछ नहीं हाेगा। अलग अलग स्तर की जरुरत को ध्यान में रखते हुए बैंकों का गठन होना चाहिए।


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