सरकार गाय पाले और गौमूत्र से मुनाफा कमाए
किसान सभा के महासचिव हन्ना मौल्ला ने कहा है, कि सरकार को चाहिए, कि गरीब किसानों से वह उनकी गाय खरीदे, और उसके गौमूत्र से मुनाफा कमाए.....
नई दिल्ली। किसान सभा के महासचिव हन्ना मौल्ला ने कहा है, कि सरकार को चाहिए, कि गरीब किसानों से वह उनकी गाय खरीदे, और उसके गौमूत्र से मुनाफा कमाए, जिसके प्रचार में आजकल सरकार के तमाम जिम्मेदार लोगों के अलावा पूरा संघ परिवार लगा है। उन्होंने कहा, कि सरकार ने जानवरों की खरीद फरोख्त के लिए जो नए नियम बनाए हैं, उसने खेती के बोझ तले दबे किसानों की कमर तोड़ दी है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए किसान नेता ने आरोप लगाया, कि सरकार सदियों से चली आ रही पशुधन की परंपरा को खत्म करना चाहती है, जिससे यूरोप के देशों को अपना दूध उत्पाद बेचने के लिए बाजार उपलब्ध करा सके। उन्होंने कहा, कि अनुपयोगी जानवरों को बोझ किसान पर डालना गलत है, किसान सभा पहले भी मांग कर चुकी है, कि सरकार ऐसे जानवर किसानों से बाजार की कीमत पर खरीदे। उन्होंने कहा, कि देश में किसानों की हालत खराब है, किसान आंदोलन उसी का परिणाम है, जो स्वत: स्फूर्त है।
किसान सभा का प्रतिनिधिमंडल आज की मंदसौर में दो शहीद किसान परिवारों से मिलकर आया है। हन्नान मौल्ला का कहना था, कि पुलिस ने शांतिपूर्वक धरने पर बैठे किसानों के वाहनों को तोड़कर उन्हें विरोध करने पर मजबूर किया और विरोध करने पर उन्हें गोली मार दी। उन्होंने कहा, कि सुनने में आया है, प्रशासन ने पोस्ट मार्टम के दौरान किसानों को लगी गोलियां बदलवाने की कोशिश भी की, पर किसानों की सजगता के कारण वे ऐसा नहीं कर सके। अभी भी जिन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उसके नाम पर पुलिस गरीब किसानों के पैसे की वसूली कर रही है।
किसान नेता बीजू कृष्णन का कहना था, कि नोटबंदी के बाद किसानों की हालत खराब हो गई थी, यह इलाका कैश क्रोप का है, पर किसानों को फसल का दाम नहीं मिल रहा था, बैंक भी एक-एक माह तक भुगतान नहीं कर रहा था, इस कारण भी किसानों की नाराजगी बढ़ी। पत्रकार वार्ता में मौजूद एन के शुक्ला ने बताया, कि आज देश के कई हिस्सों में किसानों के प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा शामिल हैं, आने वाले दिनों में राजस्थान, पंजाब सहित अन्य राज्यों में भी आंदोलन किया जाएगा। 16 जून को पूरे देश में 3 घंटे तक राज्यमार्गों को जाम किया जाएगा। जल्दी ही तमाम किसान संगठनों के साथ मिलकर आगे के आंदोलन की घोषणा की जाएगी। अखिल भारतीय किसान सभा वित्त मंत्री अरुण जेटली की संवेदनहीन टिप्पणी की भर्त्सना करती है, जिसमें उन्होंने कहा है कि किसानों की कर्ज माफी का सारा भार राज्य सरकारों को उठाना होगा।


