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गोडसे की जीत हुई, महात्मा गांधी की हार : दिग्विजय

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, राज्यसभा सांसद एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि भोपाल लोकसभा सीट के लिए पिछले महीने हुए चुनाव में नाथूराम गोडसे की जीत हुई

गोडसे की जीत हुई, महात्मा गांधी की हार : दिग्विजय
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बिलासपुर। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, राज्यसभा सांसद एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि भोपाल लोकसभा सीट के लिए पिछले महीने हुए चुनाव में नाथूराम गोडसे की जीत हुई और महात्मा गांंधी की पराजय हुई है।

अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री रहे बी.आर.यादव की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शिरकत करने आए श्री सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि चुनाव में हार-जीत चलती रहती है और लोकसभा चुनाव जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पांच माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। भोपाल लोकसभा सीट से स्वयं के पराजय के संबंध में उन्होंने कहा कि विचारधारा की लड़ाई में यहां गोडसे की जीत हुई और महात्मा गांधी की हार हुई।

उन्होंने दोहराया कि चुनाव की राजनीति में हार-जीत एक सतत प्रक्रिया है और पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस ने भाजपा को जबरदस्त झटका दिया था।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अपने पद से इस्तीफा दिए जाने के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि श्री गांधी ने स्वविवेक से पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है हालांकि कांग्रेस का कोई भी अन्य पदाधिकारी अथवा कार्यकर्ता उनके निर्णय से सहमत नहीं है और उनसे अपने पद पर बने रहने की अपील की जा रही है।

कांग्रेस में परिवारवाद को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने प्रतिप्रश्न किया कि क्या भाजपा अथवा अन्य दलों में परिवारवाद नहीं है।
मध्यप्रदेश का हिस्सा रहे छत्तीसगढ़ के संबंध में उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने पृथक राज्य बनने के बाद अपने नैसर्गिक साधनों के बल पर काफी प्रगति की है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता का उन्हें हमेशा समर्थन मिलता रहा है।

दिवंगत श्री यादव का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि 1977 में वे दोनों पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्होंने कहा कि सहज , सरल व्यवहार कुशलता के धनी श्री यादव ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठता के पर्याय थे और उनके जीवन पर्यंत पारिवारिक संबंध रहे।


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