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गोवा कांग्रेस ने राहुल गांधी की यात्रा पर हमले को लेकर असम के मुख्यमंत्री का पुतला फूंका

गोवा में कांग्रेस नेताओं और समर्थकों ने मंगलवार को असम में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' पर कथित हिंसक हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया

गोवा कांग्रेस ने राहुल गांधी की यात्रा पर हमले को लेकर असम के मुख्यमंत्री का पुतला फूंका
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पणजी। गोवा में कांग्रेस नेताओं और समर्थकों ने मंगलवार को असम में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' पर कथित हिंसक हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की निंदा की और उनका पुतला जलाया। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि हमले की योजना मुख्यमंत्री ने बनाई थी।

विरोध प्रदर्शन में गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) के अध्यक्ष अमित पाटकर, विधायक कार्लोस अल्वारेस फरेरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एम.के. शेख, गोवा एआईसीसी में अल्पसंख्यक प्रभारी तरन्नुम खान और अन्य कांग्रेस पदाधिकारियों ने भाग लिया।

पणजी में कांग्रेस भवन में पार्टी समर्थकों और नेताओं द्वारा भाजपा के खिलाफ नारे लगाए जाने के बीच सरमा का पुतला जलाया गया।

अमित पाटकर ने आरोप लगाया कि मणिपुर से शुरू हुई राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को मिल रहे समर्थन से भाजपा डरी हुई है, इसलिए उसनेे हमला करवाया।

उन्होंने कहा, ''यह स्पष्ट है कि हमें मिल रहे समर्थन से भाजपा डरी हुई है, इसलिए असम के परेशान मुख्यमंत्री ने यात्रा पर हमला करवाया और यात्रा में बाधा डालने की कोशिश की।''

पाटकर ने यह भी कहा कि असम में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री को बेनकाब कर दिया है और इसलिए वह परेशान हैं।

उन्होंने कहा, “असम पीसीसी अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा पर हमला किया गया और उनकी पिटाई की गई। एक तरफ, वे राम राज्य के बारे में बात करते हैं और दूसरी तरफ वे राहुल गांधी को मंदिर में प्रवेश करने से रोकते हैं।”

पाटकर ने कहा, “भाजपा हमारे नेता राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वह सार्वजनिक मुद्दे उठा रहे हैं। हम असम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर भाजपा द्वारा हमले की निंदा करते हैं।“

वहीं, कार्लोस फरेरा ने कहा कि राहुल गांधी लोगों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि 'फूट डालो, राज करो' की नीति पर चलने वाली भाजपा असम से गुजर रही न्‍याय यात्रा में बाधा डाल रही है।

उन्होंने कहा, “राहुल को मंदिर में प्रवेश करने से नहीं रोका जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें रोक दिया गया, क्योंकि सरमा को डर था कि कांग्रेस मजबूत हो जाएगी, असम के मुख्यमंत्री तानाशाही शासन चला रहे हैं।”


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