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ज्यादा वसूली फीस करें वापस

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के स्कूलों से अपील की है कि वे जस्टिस अनिल देव सिंह की कमेटी को लागू करें

ज्यादा वसूली फीस करें वापस
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के स्कूलों से अपील की है कि वे जस्टिस अनिल देव सिंह की कमेटी को लागू करें। उन्होंने कहा कि हम निजी स्कूलों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सबसे आखिर में यदि जरूरत पड़ी तो सरकार उन्हें अपने अधीन भी ले सकती है।

साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि निजी स्कूलों को टेक ओवर करने की जरूरत नहीं होगी, हाई कोर्ट और जस्टिस अनिल देव सिंह की सिफारिशें स्कूल मानकर जिम्मेदारी का आभास करवाएंगे। केजरीवाल ने बताया कि ऐसे 449 स्कूल हैं जिन्हें अपने यहां जस्टिस अनिल देव कमेटी की सिफारिशों को लागू कर अभिभावकों से वसूली गई अतिरिक्त फीस को वापिस करना होगा।

उन्होंने कहा कि हम दोहरी नीति पर चल रहे हैं, दखल नहीं देंगे लेकिन अनुशासन में जरूर लाएंगे। उन्होने बताया कि एक स्कूल के पास 19 करोड़ रुपए की राशि सरप्लस है जबकि एक अन्य स्कूलके पास पांच करोड़ रुपए हैं। ये जिम्मेदार स्कूल हैं, उम्मीद है कि वे जिम्मेदारी निभाएंगे व ये सिफारिश लागू करेंगे। हालांकि किसके पास सरप्लस है नाम बताने को वह टाल गए।

जब पूछा कि इन स्कूलों को टेक ओवर करने पर सरकार कितनी तैयार है? इस पर उन्होने कहा कि हमें लगता है कि ये स्कूल सिफारिशों को लागू करेंगे। उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 1108 स्कूल को देखा गया है जिसमें 544 ने छठे वेतन आयोग के नाम पर ज्यादा फीस ली है। कमेटी की रिपोर्ट है कि इनमें से 44 अल्पसंख्यक हैं, 15 स्कूल ने फीस पर कहा है कि स्टाफ को यह लाभ दे दिए हैं। कुछ ने अदालत में यह राशि जमा करवाई है इसमें एक स्कूल ने 33 करोड़ रुपए जमा करवाए हैं।

जबकि 17 के पंजीकरण को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की है वहीं 13 स्कूल बन्द हो चुका है। अब 449 को कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं। बता दें कि दिल्ली सरकार ने पिछले वर्ष भी तीन स्कूलों को टेक ओवर करने की प्रक्रिया शुरू की थी जिसमें वह एक को ही अपने अधीन ले सकी जबकि बाकी दो न्यायालय से स्थगन ले आए। सिसोदिया ने कहा किहम एक एक स्कूल के खाते जांच रहे हैं और दो हफ्ते का समय दिया गया है।

पूर्वी दिल्ली में खुला डीटीयू कैंपस

दिल्ली सरकार ने पूर्वी दिल्ली में दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कैंपस को शुरू करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यदि सिटिजन स्मार्ट हो जाए तो स्मार्ट सिटी, स्मार्ट गांव की जरूरत नहीं होगी। इसलिए देश को विकसित करना है तो लोगों को शिक्षित करना होगा। उन्होने कहा कि डीटीयू में दो हजार बच्चे हर साल पढ़ कर निकलते हैं पूर्वी दिल्ली में इस वर्ष 300 व अगले वर्ष 600 नए बच्चे लिए जाएंगे। इसके बाद डीटीयू से 3500 बच्चे निकलेंगे। लेकिन ये बच्चे यहां से निकलने के बाद नौकरी ढूंढने से ज्यादा नौकरी देने लायक बने तो खुशी होगी।

उन्होंने कहा कि यदि यहां से निकलने वाले 40 से 50 फीसदी बच्चे अगर अपना काम शुरू करेंगे तो दिल्ली में बेरोजगारी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में जो रिसर्च होते हैं वो आम जीवन मे इस्तेमाल नहीं होता। डीटीयू में ऐसा रिसर्च होना चाहिए की कंपनी को जो जरूरत है उसके मुताबिक रिसर्च हो। ऐसा रिसर्च जो लोगों की जिंदगी का भला कर सके, ना कि सिर वो कागजी बनकर रह जाए। डीटीयू कम से कम दुनिया के टॉप 10 यूनिवर्सिटी में आये। हमारी सरकार आई थी तब सरकारी स्कूल और अस्पताल की हालत खराब थी लेकिन दो साल में बहुत कुछ करके दिखाया है। अब लगता है कि डीटीयू भी दुनिया का श्रेष्टï संस्थान बनेगा।

यह भाषण भाषण ना रह जाए इसके लिए एक महीने में ब्लू प्रिंट तैयार किया जाए। केजरीवाल ने व्यक्तित्व विकास पर जोर दिया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 12वीं में हर साल करीब ढाई लाख बच्चे पास होते हैं, कुछ को डीयू, कुछ आईपी, आईटीआई में जाते हैं लेकिन बहुत से बच्चों के लिए कोई प्रबंध नहीं हो पाता। ऐसे बच्चों के लिए हम काम कर रहे हैं और चुनावी वादे में कहा था कि 20 नए कॉलेज खोलेंगे, 20 कॉलेज से ज्यादा सीटें हम जोड़ चुके हैं।

शिक्षा के स्तर में सबसे बड़ी गलती 1920 में अंग्रेजो के द्वारा की गई जब डीयू एक्ट बना, जिसमें कहा गया कि दिल्ली में सिर्फ डीयू के पास कॉलेज को मान्यता देने का अधिकार होगा फिर 60 साल बाद आईपी यूनिवर्सिटी बनी लेकिन उसे सिर्फ टेक्निकल कोर्स के लिए सीमित कर दिया गया। उच्च शिक्षा की इन चूक का खामियाजा दिल्ली कें विद्यार्थी भुगत रहे हैं। उन्होने कहा कि ये पहली बार हो रहा है जब यूनिवर्सिटी शुरू होने के बाद उसका शिलान्यास हो रहा है। इससे पहले आईपी यूनिवर्सिटी के कैम्पस का शिलान्यास कर दिया गया। लेकिन जमीन ही अलॉट नहीं की गई अब मामला आ गया है तो जल्द ही करेंगे। उन्होने कहा कि यह पूर्वी दिल्ली कैंपस है इसके बाद इंजीनियरिंग कैंपस भी खोला जाएगा।


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