Top
Begin typing your search above and press return to search.

गंगा की सफाई के लिए सरकारी और निजी उद्योगों को जोड़ने की तैयारी  

कोल इंडिया, गेल, बीएचईल जैसी कई प्रमुख कंपनियों के साथ ही निजी क्षेत्र के कुछ बड़े औद्योगिक घरानों तथा कई बैंकों ने गंगा की सफाई के लिए मामि गंगे अभियान में सहयोग देने की इच्छा जाहिर की है।

गंगा की सफाई के लिए सरकारी और निजी उद्योगों को जोड़ने की तैयारी  
X

नयी दिल्ली। कोल इंडिया, गेल, बीएचईल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कई प्रमुख कंपनियों के साथ ही निजी क्षेत्र के कुछ बड़े औद्योगिक घरानों तथा कई बैंकों ने गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे अभियान में सहयोग देने की इच्छा जाहिर की है।

जल संसाधन,नदी विकास और संरक्षण मंत्रालय में निर्मल गंगा अभियान को देख रहे नेशनल मिशन आॅन क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के महानिदेशक यू पी सिंह ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि गंगा की सफाई के अभियान में सार्वजनिक क्षेत्रों के साथ निजी क्षेत्र की कंपनियों ने हिस्सेदार बनने में उत्सुकता दिखायी है और इसमें उनकी प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उनके साथ विस्तृत बातचीत की जाएगी।

उन्होंने बताया कि इसके लिए गुरुवार को राष्ट्रीय स्तर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, काॅरपोरेट घरानों, बैंकों और अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उनका कहना था कि निर्मल गंगा अभियान में जनभागीदारी के साथ ही सरकारी और निजी क्षेत्र के उद्योगों को आकर्षित करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया और इससे अच्छे संकेत मिले हैं।

सिंह ने बताया कि कार्यशाला में कोल इंडिया के एक प्रतिनिधि ने कहा कि कंपनी ने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व वाली अपनी गतिविधि में पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले फूलों से खाद बनाने की प्रणाली विकसित की है और इस दिशा में वह इस कार्यक्रम में सहयोग दे सकते हैं।

गेल और भेल भी इसी सामाजिक जिम्मेदारी वाली निधि के तहत नमामि गंगे कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में कोल इंडिया, भेल तथा गेल के अलावा ओएनजीसी, सेल, एनटीपीसी , ऑयल इंडिया लिमिटेड, पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड कई महारत्न तथा नवरत्न कंपनिों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, येस बैंक, यूको बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स जैसे सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के 20 बैंकों के प्रतिनिधियों ने भी नमामि गंगे कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में भागीदारी की।

सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र की भी कई प्रमुख कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया। निजी क्षेत्र की कंपनियों में आदित्य बिड़ला समूह की जेएसडब्ल्यू एवं टाटा संस जैसी कंपनियां शामिल हैं। एमएमसीजी के महानिदेशक ने कार्यशाला में आए प्रतिनिधियों से कहा कि गंगा निधि एक ट्रस्ट है और 2014 में इसकी स्थापना की गयी थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी अध्यक्षता की थी। गंगा निधि ट्रस्ट का मकसद गंगा नदी के संरक्षण में योगदान देने के इच्छुक लोगों को प्रोत्साहित करना है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it