देशभर में चलेगा 'गांधी 150 अभियान'
कमजोर होते सामाजिक ताने बाने और बढ़ती हिंसा के मद्देनजर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनुयायियों ने उनके विचारों, आदर्शों और आज भी उनके महत्व से लोगों को अवगत कराने

नई दिल्ली। कमजोर होते सामाजिक ताने बाने और बढ़ती हिंसा के मद्देनजर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनुयायियों ने उनके विचारों, आदर्शों और आज भी उनके महत्व से लोगों को अवगत कराने और उनके दिखाए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करने हेतु देश में 'गांधी 150 अभियान' छेड़ने की योजना बनायी है, जो पूरे एक वर्ष चलेगी।
महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष के अवसर पर चलाए जाने वाले इस अभियान की औपचारिक घोषणा गांधी जी के शहादत दिवस 30 जनवरी को की जाएगी जिसे उनके अनुयायी प्रायश्चित और संकल्प दिवस के रुप में मनाएंगे। इस अभियान का मकसद लोगों को राष्ट्रपिता के विचारों और आदर्शों से अवगत कर उन्हें सांप्रदायिकता के खिलाफ और महात्मा गांधी के बताए रास्ते के अनुरुप सामाजिक समता, आर्थिक बराबरी और लोकतंत्र को मजबूत तथा विकसित करने के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है।
गांधीजी के विचारों को आगे बढ़ाने में लगी देश की अग्रणी संस्थाओं गांधी स्मारक निधि, राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय, कस्तूरबा राष्ट्रीय स्मारक और गांधी शांति प्रतिष्ठान सहित सैंकड़ों संस्थाएं और संगठन इस अभियान का हिस्सा होंगे। गांधीजी के शहादत दिवस पर देश के विभिन्न स्थानों पर गांधीजन एक जगह जमा होंगे। वे इस मौके पर हर तरह की हिंसा का विरोध करते हुए यह संकल्प लेंगे कि वे जाति, धर्म और संप्रदाय जैसी संकीर्णताओं से खुद भी बचेंगे और समाज को भी बचाएंगे। साथ ही ऐसी प्रवृत्तियों के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
वे असंतुलित विकास और बेइंसाफी के खिलाफ सामाजिक समता, आर्थिक बराबरी और लोकतंत्र को मजबूत बनाने व विकसित करने की परंपरा और व्यवस्था की हिमायत करेंगे और उसे साकार करने के प्रयासों को भी अंजाम देंगे। 'गांधी 150Ó अभियान की रुपरेखा तैयार करने के लिये पिछले दिनों यहां एक बैठक हुयी थी जिसमें देश भर से लोग जुटे थे। उन्होंने दो अक्टूबर 2018 से दो अक्टूबर 2019 तक चलने वाले इस अभियान का खाका तय किया है। विभिन्न राज्यों में गांधीवादी संस्थाओं, संगठनों के साथ आम लोग भी इस साल दो अक्टूबर से शुरू होने वाले महाअभियान से जुड़ रहे हैं।
विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी भी साल भर विभिन्न कार्यक्रमों से युवाओं को जोड़ेंगे। गांधीवादी महसूस कर रहे हैं देश में महात्मा गांधी के खिलाफ खासकर सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार किया जा रहा है और इस पर चर्चा करने की जरूरत भी नहीं समझी जा रही है। उनका मानना है कि गांधी एक खास तरह की विचारधारा है जो अंतिमजन के उद्धार के साथ सत्य, अहिंसा के आधार पर सत्याग्रह के लिए प्रेरित करती है।
गांधीजी असहमति का भी सम्मान करते थे जो आज कम देखने को नजर आता है। इसी तरह की चिंताएं गांधी 150Ó के जरिए सतह पर आएंगी और इनके निराकरण के गांधीवादी उपाय खोजे जाएंगे। 'गांधी 150Ó अभियान के लिए महात्मा गांधी का एक खास फोटो भी जारी किया गया है, जो देश भर के विभिन्न कार्यक्रमों की पहचान होगा।


