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भगोड़े घोटालेबाजों की अब खैर नहीं, सरकार लाई कानून

आर्थिक अपराथ विधेयक कानून को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी 

भगोड़े घोटालेबाजों की अब खैर नहीं, सरकार लाई कानून
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नई दिल्ली। भगोड़े घोटालेबाजों पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित बिल पर केंद्र सरकार की कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। इस बिल के तहत देश छोड़कर जाने वाले को भगोड़ा घोटालेबाज घोषित किया जाएगा। कैबिनेट ने जिस बिल को मंजूर किया है उसे 'आर्थिक अपराध विधेयक कानून' कहा जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली के शास्त्री भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देश छोड़ने वाले घोटालेबाजों पर अंकुश लगाने के लिए यह बिल लाया गया है। इसके लिए लंबे समय से तैयारी चल रही थी।

बिल को बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश किया जाएगा। जेटली के अनुसार, यह बिल उन्हीं मामलों में मान्य होगा, जहां अपराध 100 करोड़ रुपए से अधिक के हों। बिल के तहत अनुसूचित अपराधियों की पहचान की जाएगी। कोर्ट किसी को भी भगोड़ा घोषित कर सकता है। हालांकि इसके लिए घोटाले की सीमा 100 करोड़ रुपए से अधिक होनी चाहिए। इससे बड़े अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। उन्होंने एक सवाल के जबाव में कहा कि कोई भी राजनीतिक दल इस तरह के अपराधियों के साथ सहानुभूति नहीं जताना चाहेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि इस तरह के मामले में अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी होने पर अपराधी को भगोड़ा माना जाएगा और उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस विधेयक में इस तरह के अपराधियों की बेनामी सहित सभी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही विदेशों की संपत्ति भी जब्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कानून के तहत दूसरे देशों के साथ काम किया जाएगा। इसके साथ ही अपराधी देश में सिविल दावा नहीं कर सकेगा। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 के बजट भाषण में ऐसे भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने को लेकर कानून में बदलाव या नया कानून लाने का वादा किया था। यह आर्थिक अपराध करने वालों को देश छोड़कर भारतीय कानून की प्रक्रिया से बचने वाले आर्थिक अपराधियों पर अंकुश लगाने पर जोर देगा।

विधेयक वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) को आर्थिक अपराधी को भगोड़ा घोषित करने और संपत्ति जब्त करने को लेकर आवेदन देने की अनुमति देगा। एफआईयू वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली तकनीकी खुफिया इकाई है। मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत अदालत को मामले की सुनवाई की जिम्मेदारी दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि माल्या, मोदी, चौकसी समेत कई लोग भारत का पैसा लूट ले गए हैं।


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