गुजरात में सामने आने जीका वायरस का पहला मामला
पड़ोसी राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक माह में जीका वायरस के 140 मामले सामने आने के बाद गुजरात में भी इस साल ऐसा पहला मामला सामने आने की सरकार ने पुष्टि की है

गांधीनगर। पड़ोसी राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक माह में जीका वायरस के 140 मामले सामने आने के बाद गुजरात में भी इस साल ऐसा पहला मामला सामने आने की सरकार ने पुष्टि की है।
स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव तथा राज्य की स्वास्थ्य आयुक्त जयंती रवि ने आज बताया कि यह मामला राज्य के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद के अमराईवाड़ी इलाके में सामने आया। गत 22 अक्टूबर को संदेहास्पद इस मामले की पाजिटिव रिपोर्ट अब सामने आयी है लेकिन अब तक वह मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुका है।
अमराईवाड़ी समेत अन्य इलाकों में मच्छरों के लार्वा खत्म करने के लिए व्यापक अभियान चलाया है। अहमदाबाद महानगरपालिका के आयुक्त विजय नेहरा ने बताया कि जीका वायरस के चलते मौत नहीं होती पर यह गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे शिशु के लिए खतरनाक होता है क्योंकि गर्भ के पहले तीन माह में इसका संक्रमण होने से बच्चे का सिर छोटा हो जाता है।
उन्होंने बताया कि अब तक अहमदाबाद के अमराईवाड़ी समेत की सात लाख की आबादी वाले 14 वार्ड में पूरी जांच और लार्वा मुक्ति अभियान चलाया गया है। 5183 गर्भवती महिलाओं में से बुखार पीड़ित 257 के रक्त के नमूने लिये गये हैं जिनमें से अब तक 135 रिपोर्ट आ चुकी हैं और इनमें से एक भी मामले में जीका वायरस नहीं पाया गया है। जीका वायरस उसी मच्छर से फैलता है जिससे डेंगू और चिकन गुनिया जैसी बीमारियां होती हैं।
ज्ञातव्य है कि जीका वायरस का भारत में पहला मामला भी गुजरात के अहमदाबाद में ही पिछले साल जनवरी में पाया गया था। दूसरा ऐसा मामला तमिलनाडु में पिछले साल ही जुलाई में मिला था। जयपुर में पिछले माह से ऐसे मामले मिलने शुरू हुए हैं।
इस बीच अहमदाबाद महानगरपालिका संचालित वीएस अस्पताल में 20 रोगियों की क्षमता वाला जीका वायरस का एक आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध मामलों पर नजर रखी जा रही है और बीमारी के लक्षणों और इससे बचाव के तरीकों के बारे में पर्चे बांटे जा रहे हैं।


