राहुल गांधी जर्मनी में बोले-आरएसएस के लिए सच्चाई नहीं, शक्ति जरूरी, यही उनमें और कांग्रेस में अंतर
राहुल गांधी ने शुक्रवार को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना की।

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना की। राहुल ने कहा- आरएसएस प्रमुख खुले तौर पर कह रहे हैं कि सच्चाई का कोई महत्व नहीं है, शक्ति महत्वपूर्ण है। यही उनमें और हममें अंतर है।
राहुल ने कहा कि हमारी पूरी संस्कृति सत्य पर आधारित है। आप किसी भी धर्म को देख लें, मूल रूप से वे यही कहते हैं कि सत्य का पालन करो। कांग्रेस, महात्मा गांधी और आप सभी, हम भारत के सत्य की रक्षा करते हैं। आरएसएस ऐसा नहीं करती।
बता दें कि राहुल गांधी 5 दिन के जर्मनी दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को ओवरसीज इंडियन कांग्रेस के कार्यक्रम 'कनेक्टिंग कल्चर्स' में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने जर्मन थिंक-टैंक में शामिल नेताओं के साथ बातचीत की और हर्टी स्कूल में भी स्पीच दी।
हर्टी स्कूल में राहुल ने कहा कि लोकतंत्र केवल सरकार की एक व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह जवाबदेही है। संरचनात्मक असमानताओं को दूर करने के लिए मजबूत वैश्विक सहयोग की जरूरत है। कनेक्टिंग कल्चर्स कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस सच्चाई के साथ खड़ी है। भारत की सच्चाई का बचाव करती है। भारत की संस्कृति सच्चाई पर आधारित है और यही विभिन्न धर्मों का भी मूल संदेश है।
राहुल ने जर्मनी के पूर्व चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मुलाकात की और साथ लंच किया। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच वैश्विक मुद्दों, व्यापार और भारत-जर्मनी संबंधों पर चर्चा हुई। राहुल ने जर्मनी के वाइस चांसलर लार्स क्लिंगबील और पर्यावरण व जलवायु संरक्षण मंत्री कार्सटन श्नाइडर से भी अलग-अलग मुलाकात की।


