हार के डर से मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीतिक संपत्ति में बदल दिया
नरेंद्र मोदी वास्तव में सेना के परिक्षेत्र में घुस गए और उनके सर्जिकल स्ट्राइक को आकार दिया, उन्होंने उनके सर्जिकल स्ट्राइक को एक राजनीतिक संपत्ति में बदल दिया, जबकि यह सेना का निर्णय था

उदयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार से बचने के लिए 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक को भुनाया। राहुल ने दावा किया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की मनमोहन सरकार ने उसी तरह के तीन स्ट्राइक किए थे, लेकिन उसे गोपनीय रखा था। उसका न प्रचार किया था और न उसे भुनाने का प्रयास किया था।
यहां व्यापार व व्यावसायिक जगत के लोगों को संबोधित करने के दौरान सर्जिकल स्ट्राइक में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मोदी उत्तर प्रदेश में हारा हुआ राजनीतिक युद्ध लड़ रहे थे और सर्जिकल स्ट्राइक को उन्होंने एक राजनीतिक संपत्ति में बदल दिया।
राहुल ने कहा, "वह उत्तर प्रदेश में एक चुनाव लड़ रहे थे। वह एक हारा हुआ चुनाव लड़ रहे थे। उन्होंने एक सैन्य संपत्ति (सर्जिकल स्ट्राइक) को एक राजनीतिक संपत्ति में तब्दील कर दिया। वह सेना के परिक्षेत्र (डोमेन) में घुस गए और उनसे कहा कि उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं कि आप क्या सोचते हो।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "नरेंद्र मोदी वास्तव में सेना के परिक्षेत्र में घुस गए और उनके सर्जिकल स्ट्राइक को आकार दिया। उन्होंने उनके सर्जिकल स्ट्राइक को एक राजनीतिक संपत्ति में बदल दिया, जबकि यह सेना का निर्णय था।"
राहुल ने कहा कि कांग्रेस सरकार सैन्य जिम्मेदारियों और सैन्य परिक्षेत्र को लेकर पूरी तरह से स्पष्ट थी।
उन्होंने कहा, "हम सेना को सुनते हैं। अगर सेना कहती है कि यही है जिसे हम करना चाहते हैं। हम कहते हैं, हां सर, यह आपका काम है। कृपया इसे कीजिए। इसी तरह राजनीति के क्षेत्र में अगर वे आते हैं और कुछ कहते हैं तो हम उन्हें सॉरी कहते हैं और कहते हैं कि आपका इसमें कोई काम नहीं है, कृपया इससे दूर रहिए।"
राहुल ने कहा, "जब सेना मनमोहन सिंह के पास आई थी और कहा था कि वे हमला करना चाहते हैं। तो उन्होंने कहा था कि हमें अपने उद्देश्यों के लिए इसे गुप्त रखने की जरूरत है। संप्रग सरकार के कार्यकाल में तीन स्ट्राइक हुए और उसे सैन्य संपत्ति के रूप में गुप्त रखा गया।"
राहुल गांधी ने यह बयान उस सवाल पर दिया, जिसमें मोदी सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय, सीबीआई, आरबीआई, सीवीसी जैसे लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला और सेना के लोगों द्वारा राजनीति में प्रवेश के बारे में पूछा गया था।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री सेना के डोमेन में घुस जाते हैं और उन्हें कुछ करने के लिए बाध्य करते हैं, और निश्चित ही ऐसे में उन्हें वी.के. सिंह (पूर्व सैन्य प्रमुख) की जरूरत है।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, "मोदी जी को लगता है कि ज्ञान का सारा भंडार उन्हीं के पास है और किसी के पास नहीं। इसलिए उन्होंने नोटबंदी की घोषणा की। उन्होंने इस घोषणा से पहले कैबिनेट को बंद कर दिया था। वित्तमंत्री जेटली इस बारे में कुछ नहीं जानते थे। और इस तरह मोदी ने विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया, क्योंकि वे समझते हैं कि सिर्फ वही सबकुछ जानते हैं।"
राहुल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल अपने कैबिनेट, मंत्रियों और यहां तक कि आडवाणी जी का सम्मान किया करते थे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "मनमोहन सिंह के कार्यालय से मुंबई 26/11 हमले के बाद दूसरा फोन कॉल आडवाणी को किया गया था, क्योंकि प्रधानमंत्री को लगता था कि उन्हें आडवाणी को यह बताने की जरूरत है कि क्या चल रहा है, क्योंकि वह विपक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।"
राहुल ने कहा, "लेकिन मोदी ने इतना बड़ा फैसला ले लिया, लेकिन किसी से नहीं पूछा। उन्होंने कभी मनमोहन सिंह जी को फोन नहीं किया, कभी मुझे फोन नहीं किया और यहां तक कि आडवाणी जी को भी फोन नहीं किया।"


