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लेफ्ट या राइट से नहीं, शांति से व एकजुट होकर फासीवाद को हराया जाता है : राहुल गांधी

विपक्षी एकता पर विश्वास जताते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अगर अन्य पार्टियां एक साथ आती हैं तो भारतीय जनता पार्टी सौ प्रतिशत हार जाएगी

लेफ्ट या राइट से नहीं, शांति से व एकजुट होकर फासीवाद को हराया जाता है : राहुल गांधी
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नई दिल्ली। विपक्षी एकता पर विश्वास जताते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अगर अन्य पार्टियां एक साथ आती हैं तो भारतीय जनता पार्टी सौ प्रतिशत हार जाएगी। यह निश्चित है कि मोदी को हराया जा सकता है। यह बात उन्होंने इटली के डेली न्यूजपेपर कोरिरे डेला सेरा के साथ एक इंटरव्यू के दौरान कही। उन्होंने कहा बशर्ते आप एक दृष्टि का विरोध करें।

लेफ्ट या राइट से नहीं, शांति से और एकजुट होकर फासीवाद को हराया जाता है। अगर भारत के दो विजन वोट में एक-दूसरे से भिड़ते हैं, तो हम जीतने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा, 'फासीवाद पहले से ही है लोकतांत्रिक ढांचे ढह रहे हैं. संसद अब काम नहीं कर रही है। मैं दो साल से बोल नहीं पा रहा हूं; जैसे ही मैं बोलता हूं वे मेरा माइक्रोफोन बंद कर देते हैं। शक्तियों का संतुलन बंद है। न्याय स्वतंत्र नहीं है। केंद्रवाद निरपेक्ष है। प्रेस अब स्वतंत्र नहीं है।

भारत जोड़ो यात्रा को बताया तपस्या

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा उनके लिए एक तपस्या की तरह थी। उनकी मानें को सभी की सीमाएं जितना वो सोचते हैं उससे कई ज्यादा हैं। उन्होंने कहा, दुनिया की सबसे पुरानी भाषा स्कृत में एक शब्द है तपस्या, जिसे समझना एक पश्चिमी दिमाग के लिए मुश्किल है। कोई इसका अनुवाद 'बलिदान', 'धैर्य' से करता है, लेकिन अर्थ अलग है। गर्मजोशी पैदा करना। मार्च एक ऐसी एक्शन है जो गर्मजोशी पैदा करता है, आपको अपने भीतर झांकने पर मजबूर करती है, आपको भारतीयों के असाधारण लचीलेपन को समझाती है।

भारत-चीन संबंधों पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि पश्चिम की औद्योगिक स्तर पर चीन के साथ प्रतिस्पर्धी हो सकती है, खासकर कम मूल्यवर्धित उत्पादन में। भारत कर सकता है और होना भी चाहिए। राहुल से जब पूछा गया कि क्या हिंदू और मुस्लिमों के बीच ध्रुवीकरण है, तो उन्होंने कहा कि यह स्थिति है तो, लेकिन उतनी खराब नहीं है, जितनी मीडिया इस सरकार के संरक्षण में दिखा रही है। यह एक तरह से चिंताजनक असल मुद्दों, जैसे गरीबी, अशिक्षा, महंगाई, कोरोनाकाल के बाद छोटे-मध्यम व्यापारियों की परेशानी, किसानों की समस्या से लोगों का ध्यान बंटाने की कोशिश है।

राहुल ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर किए गए सवाल पर जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह एक विदेश नीति से जुड़ा मामला है। हालांकि, उन्होंने इसके शांतिपूर्ण हल की बात कही।

राहुल से उनकी शादी को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि मुझे पसंद होगा अगर मेरे बच्चे होंगे, हालांकि उन्होंने 52 साल की उम्र में भी अपनी शादी न होने की कोई साफ वजह जाहिर नहीं की और कहा कि उनके लिए अभी भी कई चीजें करना बाकी है।


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