कृषि कानूनों को लेकर किसानों को बरगलाया गया है: नरेन्द्र सिंह तोमर
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सरकार के कृषि सुधार कानूनों को क्रांतिकारी कदम बताते हुए राज्यसभा में शुक्रवार को कहा कि इससे किसानों की आय बढेगी और उनके जीवन में खुशहाली आयेगी

नयी दिल्ली। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सरकार के कृषि सुधार कानूनों को क्रांतिकारी कदम बताते हुए राज्यसभा में शुक्रवार को कहा कि इससे किसानों की आय बढेगी और उनके जीवन में खुशहाली आयेगी ।
नरेन्द्र सिंह तोमर ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद के प्रस्ताव पर जारी चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सरकार गांव , गरीब और किसानों के आर्थिक उत्थान के लिए समर्पित है । कांग्रेस सदस्यों के शोरगुल के बीच उन्होंने कहा कि किसानों से फसलों की खरीद पारदर्शी तरीके से हो और उनके उत्पाद का वाजिब कीमत मिल सके इसके लिए एक हजार मंडिया को ई नाम योजना से जोड़ा गया है तथा एक हजार और मंडियों को इससे जोड़ने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है ।
कृषि मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय ठेका कृषि कानून को राज्यों से बेहतर बनाया गया है और इससे किसान को किसी भी समय निकलने का प्रावधान किया गया है जबकि व्यापारियों को किसानों के भुगतान के बाद ही इससे अलग होने की व्यवस्था की गयी है । उन्होंने कहा कि एक राज्य में तो इस कानून के प्रावधानों से अलग होने पर किसानों को जेल भेजने तथा पांच लाख रुपये तक का जुर्माना करने का प्रावधान किया है ।
उन्होंने कहा कि 20 - 22 राज्यों ने ठेका कृषि कानून बनाया है । तोमर ने कहा कि कृषि सुधार कानूनों को लेकर एक राज्य के किसानों को बरगलाया गया है और वे गलतफहमी के शिकार हुए हैं । किसानों की जमीन पर व्यापारियों के कब्जे को लेकर बरगलाया गया है । उन्होंने कहा कि ठेका कृषि में कोई यह प्रावधान बताये जिसमें जमीन लेने की बात हो ।
उन्होंने कहा कि विपक्ष कृषि सुधार कानूनों को काला कानून बता रहा है और ऐसा कहने का अधिकार भी उसे है । उन्होंने किसान यूनियनों से कानून में काला क्या है, इसे बताने को कहा था ताकि सरकार उसे ठीक कर सके लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला । किसानों के खिलाफ प्रावधानों की भी जानकारी नहीं दी गयी । कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के बाहर किसानों के उत्पादों को बेचने का कानून में प्रावधान किया है जिसमें कोई कर नहीं देना पड़ेगा जबकि राज्यों के एपीएमसी कानून में फसलों की खरीद बिक्री पर कर का प्रावधान है ।
उन्होंने मोदी सरकार को किसानों के प्रति समर्पित बताते हुए कहा कि आन्दोलनकारी किसानों को सम्मान देते हुए संवेदनशीलता से 12 बार उनकी मांगों पर चर्चा की गयी । सरकार ने किसानों को कानून में संशोधन का भी प्रस्ताव दिया और वह इसके लिए तैयार है ।
तोमर ने कृषि के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है और अब कृषि को आय केन्द्रीत किया गया है । किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरु की गयी है । इसके तहत किसानों को सालाना छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है । करीब दस करोड़ 75 लाख किसानों को यह सहायता दी गयी है । विपक्षी दलों के सदस्यों के इस योजना की राशि में कटौती करने के उत्तर में कृषि मंत्री ने कहा कि इसके लिए राशि की कमी नहीं होने दी जायेगी । देश में 14.5 करोड़ किसान होने का अनुमान है ।
उन्होंने कहा कि उत्पादन और उत्पादकता बढाने के लिए आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराया जा रहा है और समय पर किसानों को बीज , उर्वरक और सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है । सूक्ष्म सिंचाई योजना का विस्तार किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं जिन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ भी नहीं मिल पाता है । ऐसे किसानों की आय बढाने के लिए दस हजार नये किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) का गठन किया जा रहा है । इस योजना पर पांच साल में 6850 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे ।तोमर ने कहा कि गांवों में भंडार गृह और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधायें उपलब्ध कराने के वास्ते एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष का गठन किया गया है । इसके अलावा मत्स्य पालन के लिए 20000 करोड़ रुपये और खाद्य प्रसंस्करण के लिए 10000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है । कृषि उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए एक सौ वातानुकूलित किसान रेलगाड़ी चलायी जा रही है ।
किसानों के लिए पेंशन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है जिसके तहत देश में 21 लाख किसानों को प्रति माह तीन हजार रुपये का पेंशन मिलेगा ।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनकी जमीन पर बने मकानों का मालिकाना हक देने के लिए स्वामित्व योजना शुरु की गयी है छह राज्यों के एक लाख 47000 लोगों को इस योजना का लाभ दिया गया है और अब इसे पूरे देश में लागू किया जायेगा । इस पर बैंक रिण मिल सकेगा ।
उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने पर एक लाख 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये गये हैं तथा इससे दस करोड़ लोगों को रोजगार मिला है । कोरोना काल के दौरान प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए गरीब कल्याण रोजगार योजना शुरु की गयी और इसके लिए 50 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गये ।
तोमर ने कहा कि गांवों के लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए उन्हें आवास , शौचालय , गैस , बिजली और स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है ।


