बिहार के 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नहीं मिलेगा समान वेतन
सुप्रिम कोर्ट ने आज बिहार सरकार की अपील को मंजूर करते हुए पटना हाई कोर्ट के फैसला को निरस्त कर दिया

नई दिल्ली। बिहार में कार्यरत 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को आज सुप्रीम कोर्ट से बेजोड़ झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आज बिहार सरकार की अपील को मंजूर करते हुए पटना हाई कोर्ट के फैसला को निरस्त कर दिया है।
बतादें कि पटना हाई कोर्ट ने नियोजित टीचरों को नियमित सरकारी टीचरों के समान वेतन देने का आदेश दिया था। इस पर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। उस समय पटना हाई कोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला दिया था।
बिहार सरकार की ओर से विशेष अनुमति याचिका दायर कर कहा गया था कि नियोजित टीचर पंचायती राज निकायों के कर्मी हैं और बिहार सरकार के कर्मचारी नहीं हैं, ऐसे में इन्हें सरकारी टीचरों के बराबर सैलरी नहीं दी जा सकती।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2018 को फैसला को सुरक्षित रख लिया था।
इस मामले पर केंद्र ने तर्क दिया था कि नियमित शिक्षकों की बहाली बीपीएससी के माध्यम से हुई है। वहीं नियोजित शिक्षकों की बहाली पंचायती राज संस्था से ठेके पर हुई है, इसलिए इन्हें समान वेतन नहीं दिया जा सकता है।


