'कृषि में विदेशी निवेश बढ़ाने के प्रयास तेज'
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से कृषि क्षेत्र में न केवल सरकारी निवेश को बल्कि गैर सरकारी निवेश को भी बढ़ावा दिया जा रहा है

रोहतक। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से कृषि क्षेत्र में न केवल सरकारी निवेश को बल्कि गैर सरकारी निवेश को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। श्री सिंह ने आज यहां एग्री लीडरशिप सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के 2009-10 से 2013-14 के दौरान कृषि मंत्रालय का बजट एक लाख 21 हजार 82 करोड़ रुपए का था जो मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान बढ़कर दो लाख 11 हजार 694 करोड़ रुपए हो गया है।
बजटीय आवंटन के अलावा अतिरिक्त बजटीय संसाधन का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि 2017-20 के दौरान डेयरी प्रसंस्करण तथा आधारभूत संरचना कोष 10881 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। जिससे राज्यों की सहकारी दुग्ध संगठनों के डेयरी प्रसंस्करण परियोजनाओं का उन्नयन व क्षमता विस्तार किया जायेगा। पशुपालन विभाग के लिए पशुपालन अवसंरचना कोष के लिए 2450 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
मत्स्य पालन के क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए मत्स्य एवं जल कृषि अवसंरचना कोष में 7550 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। देश के 22000 ग्रामीण हाटों के विकास के लिए दो हजार करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया है। सूक्ष्म सिंचाई कोष के लिए 5000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। श्री सिंह ने कहा कि हर खेत को पानी योजना को पूरा करने के लिए वर्षों से लंबित 99 सिंचाई योजनाओं को पूरा करने के लिए 40 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की जा रही है। इन योजनाओं को वर्ष 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिससे 76 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए आयात-निर्यात नीतियों में समय-समय पर बदलाव किया गया है।
फूलों की खेती, बागवानी, सब्जी, मधुमक्खी पालन आदि क्षेत्र बीज एवं रोपण सामग्री के विकास के लिए एक सौ प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। इसके अलावा चाय, काफी, रबर, इलाइची, पाम और जैतून के पेड़ लगाने सौ प्रतिशत विदेशी निवेश अनुमति है। 2014 से 2017 के दौरान 10272 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश हुआ है। सरकार किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इस संबंध में अनेक ठोस कदम उठाए गए हैं ।


