ललित सुरजन की कलम से- राहुल गांधी नई राह पर?
'राहुल गांधी अपने नए लोकसभा क्षेत्र वायनाड के दौरे पर पहुंचे

'राहुल गांधी अपने नए लोकसभा क्षेत्र वायनाड के दौरे पर पहुंचे। वे तीन दिन वहां रहे, मतदाताओं का आभार माना और कोई नई बात न कह बारंबार यही कहा कि वे घृणा नहीं, प्रेम की राजनीति करते हैं और करते रहेंगे।
राहुल इतना तो समझ ही रहे होंगे कि भारत की राजनीति में खेल के नियम पूरी तरह बदल चुके हैं, मुहावरे भी बदल गए हैं। यह जानने और चुनावी मैदान में बुरी तरह घायल हो जाने के बावजूद यदि वे किन्हीं पुराने मूल्यों की पुनर्स्थापना करना चाहते हैं, तो स्वाभाविक ही सवाल उठता है कि इसके लिए उनकी कार्ययोजना क्या है? उसे अमल में आने के लिए क्या वे कोई समयबद्ध कार्यक्रम बना रहे हैं और इसमें उनका साथ कौन देगा?
क्या सत्तालोलुप कांग्रेसियों में इतना धीरज और साहस है कि वे उनके साथ-साथ चल सकें? जब राजनीति करने का मूल मकसद ही स्वार्थपूर्ति हो तब सिद्धांतों पर टिके रहने वाले कार्यकर्ता कहां से जुटेंगे?'
(देशबन्धु में 13 जून 2019 को प्रकाशित)
https://lalitsurjan.blogspot.com/2019/06/blog-post_12.html


