यमुना एक्सप्रेस-वे पर घटे वाहन, हादसों में आई कमी
यमुना एक्सप्रेस-वे एक समय खूनी सफर बन गया था

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे एक समय खूनी सफर बन गया था। आए दिन हादसे होने पर किसी कस परिवार पिछड़ा जाता तो किसी का हादसे में घायल पर जिंदगी भर के लिए जिदंगी रहे हुए मौत से जूझ रहा है। हादसे को लेकर प्रदेश सरकार व यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा सफर को लेकर मजबूत कदम उठाया।
अब उसका असर दिखाई देने लगा है। एक्सप्रेस-व पर हर माह सफर करने वालों की संख्या बढ़ रही है साथ ही हादसों की संख्या में गिरावट आई है। राइटस की सर्वे मेंं इसका खुलासा हुआ है। अब इन सुरक्षा उपायों को आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर भी लागू करके लिए सुरक्षा का प्रावधान किया जा रहा है।
यमुना एक्सप्रेस-वे टै्रफिक दबाव को लकर राइटस के सर्वे में खुलासा हुआ है कि जनवरी 2017 में एक्सप्रेस-वे पर सालाना 1580558 ग्रेटर नोएडा से आगरा व आगरा से गेटर नोएडा तक सफर किए। जिसमें प्रतिदिन 50986 वाहन गुजरते है। फरवरी 2017 में वाहनों की संख्या की सालाना संख्या 1544988 और प्रतिदिन 55178 हो गई। मार्च 2017 में सालाना वाहनों की संख्या की बढ़ कर 1717951 हो गई, जबकि प्रतिदिन ओसत 55417 वाहन गुजरते है।
अप्रैल 2017 में सालाना वाहनों की संख्या 1666664 हो गई और प्रतिदिन 55555 हो गई। इसके तुलना में जनवरी 2018 में सालाना वाहनों की संख्या 1644047 और प्रतिदिन में 53034 हो गई। फरवरी 2018 तकं सालाना 1887689 और प्रतिदिन 67417 हो गया। मार्च 2018 तक सालाना 19 1935427 हो गई और प्रतिदिनं 62434 हो गई। अप्रैल 2018 तक सालाना वाहनों की संख्या 1948736 और प्रतिदिन 64958 हो गया।
इस हिसाब से देखा जाए तक यमुना एक्सप्रेस-वे पर लगातार हर माह सफर करने वाले वाहनों की संख्या बढ़ रही है। अब एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों पर गौर किया जाए तो जनवरी 2017 में 82 हादसे हुए जिसमें 11 लोगों की मौत हुई और 132 लोग घायल हुए। जनवरी 2018 में 37 हादसे हुए जिसमें चार लोगों की मौत हुई।
74 लोग घायल हुए। फरवरी 2017 में 72 हादसे हुए जिसमें 11 लोगों की मौत हुई, 94 लोग घायल हुए। फरवरी 2018 में 32 हादसे हुए जिसमें चार लोगों की मौत हुई। 87 लोग घायल हुए। इसी तरह मार्च 2017 में 90 हादसे हुए जिसमें दस लोगों की मौत हुई। 143 लोग घायल हुए। मार्च 2018 में 39 हादसे हुए ओर जिसमें 11 लोगों की मौत हुई और 97 लोग घायल हुए।
अप्रैल 2017 में 68 हादसे और 19 लोगों की मौत हुई। 150 लोग घायल हुए। अप्रैल 2018 में 54 हादसे हुए, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई और 132 लोग घायल हुए। हादसों का सालाना औसत देखा जाए तो जनवरी 2017 अप्रैल तक 312 हादसा हुआ जनवरी 2018 से अप्रैल 2018 तक 163 हादसे हुए। जनवरी 2017 से अप्रैल 2017 तक हादसे में 50 लोगों की मौत हुई, जनवरी 2018 से अप्रैल 2018 तक 30 लोगों की मौत हुई। जनवरी 2017 से अप्रैल 2017 तक 519 लोग घायल हुए और जनवरी 2018 से अप्रैल 2018 तक 390 लोग घायल हुए। ऑकडों के आधार पर देखा जाए तक एक्सप्रेस-वे लगातार वाहनों की संख्या बढ़ने के बाद हादसों की संख्या की लगातार कम होती हुई और मरने ओर हताहत होने वालों की भी संख्या घटी है।


