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अतिथि शिक्षकों की भर्ती में दिल्लीवासियों को प्राथमिकता चाहती है सरकार लेकिन अभी संभव नहीं - सिसोदिया

दिल्ली सरकार 9500 अतिथि शिक्षकों की भर्तियों में दिल्ली के निवासियों को प्राथमिकता नहीं दे सकेगी लेकिन अंकों में स्केलिंग की जा सके इसके लिए प्रयास जरूर करेगी

अतिथि शिक्षकों की भर्ती में दिल्लीवासियों को प्राथमिकता चाहती है सरकार लेकिन अभी संभव नहीं - सिसोदिया
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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार 9500 अतिथि शिक्षकों की भर्तियों में दिल्ली के निवासियों को प्राथमिकता नहीं दे सकेगी लेकिन अंकों में स्केलिंग की जा सके इसके लिए प्रयास जरूर करेगी।

यह वादा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में किया। उन्होंने कहा दिल्ली में समूचे देश के सभी राज्यों के लोग रहते हैं, यहां क्षेत्रवाद नहीं है।

श्री सिसोदिया ने बताया कि अभी दिल्ली में 9500 रिक्तियां है और इन शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन मंगवाए गए हैं जिसमें 1.41 लाख आवेदन आए हैं। जिसमें 67 हजार टीजीटी हैं और 73 हजार पीजीटी के लिए आवेदन आएं हैं। इन आवेदनों में टीजीटी श्रेणी में 31 हजार व पीजीटी के लिए 2495 आवेदन दिल्ली के निवासियों के आए हैं।

उप मुख्यमंत्री ने स्पष्टकिया कि वरीयता देने के लिए नियुक्ति नियमों में संशोधन करना होगा। संशोधन की प्रक्रिया लंबी है इसलिए इस नियुक्ति में वरीयता संभव नहीं है बावजूद इसके दिल्ली के आवेदकों को अंक के आधार पर प्राथमिकता मिले इसके प्रयास अवश्य किए जाएंगे और इसी के साथ यह संकल्प स्वीकार कर लिया गया।

इससे पूर्व चर्चा की शुरुआत नितिन त्यागी ने की और याद दिलाया कि कई राज्यों में भर्ती में वरीयता के प्रावधान है, इसलिए जो लोग दिल्ली में रहते हैं उन्हें भर्ती में प्राथमिकता दी जाए। अखिलेश पति त्रिपाठी, जरनैल सिंह ने भी राज्य के 85 प्रतिशत कोटे की मांग रखी। आप विधायक महेंद्र गोयल, सुखबीर दलाल व मनोज कुमार ने भी इसके समर्थन में अपने वक्तव्य दिए।

आम आदमी पार्टी विधायक सरिता सिंह ने उन महिलाओं की बाबत उल्लेख किया जो विवाह के पश्चात दिल्ली में आकर किसी परिवार का हिस्सा बन जाती हैं अत: उन्हें भी वरीयता दिए जाने की मांग रखी।


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