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सोनम वांगचुक की हिरासत को चुनौती देने वाली उनकी पत्नी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई, जानें अगली तारीख

लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत को चुनौती देने वाली उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई। इस मामले में शीर्ष अदालत अब 7 जनवरी, 2026 को सुनवाई करेगी

सोनम वांगचुक की हिरासत को चुनौती देने वाली उनकी पत्नी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई, जानें अगली तारीख
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सोनम वांगचुक की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर टली सुनवाई, 7 जनवरी को अगली सुनवाई

नई दिल्ली। लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत को चुनौती देने वाली उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई। इस मामले में शीर्ष अदालत अब 7 जनवरी, 2026 को सुनवाई करेगी।

गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत वांगचुक की हिरासत को अवैध बताया है। याचिका में कहा गया कि उनके पति को बिना ठोस आधार के हिरासत में रखा गया है। उन्होंने इसे कानून का दुरुपयोग के साथ-साथ मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है।

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने उनसे याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा था।

आपको बताते चलें, अंगमो ने अपनी नई पिटीशन में कहा है कि डिटेंशन ऑर्डर बिना सोचे-समझे पास कर दिया गया था और एनएसए के तहत जरूरी प्रोसीजरल सेफगार्ड्स का पालन नहीं किया गया था। उन्होंने यह भी कहा है कि अधिकारियों ने जल्दबाजी में काम किया है, समय पर और सही तरीके से डिटेंशन के सही कारण नहीं बताए, जिससे वांगचुक को अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला।

गौरतलब है कि लद्दाख में 24 सितंबर को हुई हिंसा में चार लोगों की जान चली गई थी। यह हिंसा लेह में लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई। करीब 90 लोग हिंसा के दौरान घायल हुए थे। बाद में, 26 सितंबर को सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया गया।

गिरफ्तारी के बाद उन्हें राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में भेजा गया। इसके अलावा, प्रशासन ने चार लोगों की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है। हालांकि, स्थानीय लोगों ने न्यायिक जांच की मांग उठाई थी।


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