एसआईआर प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट सख्त , केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से नोटिस जारी कर मांगा जवाब
देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत पात्र लोगों की नागरिकता प्रक्रिया और कई राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर उठी चिंताओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है

बंगाल-असम-यूपी की एसआईआर प्रक्रिया पर 'सुप्रीम' सुनवाई, केंद्र-चुनाव आयोग को नोटिस जारी
नई दिल्ली। देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत पात्र लोगों की नागरिकता प्रक्रिया और कई राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर उठी चिंताओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है।
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को तीन अलग-अलग याचिकाओं पर नोटिस जारी करते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।
पहली याचिका में कहा गया है कि भारत में लंबे समय से रह रहे हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों के लोग सीएए के तहत नागरिकता के हकदार हैं। इनमें से कई लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन भी किया है, लेकिन उनके मामलों में अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता का दावा है कि इस देरी की वजह से अब उनके नाम वोटर लिस्ट की एसआईआर प्रक्रिया के दौरान शामिल न हो पाने का खतरा बढ़ गया है। इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दूसरी याचिका भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) आजाद ट्रस्ट ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में चल रही एसआईआर प्रक्रिया के लिए दिया गया 4 हफ्ते का समय प्रशासनिक रूप से बिल्कुल अपर्याप्त है। याचिका में तर्क दिया गया है कि यूपी में 15.35 करोड़ मतदाता हैं। इतने बड़े राज्य में एसआईआर प्रक्रिया को महज चार सप्ताह में पूरा करना असंभव है। कम समय की वजह से बड़े पैमाने पर वैध मतदाताओं के नाम कटने का खतरा पैदा हो गया है।
ट्रस्ट ने यह भी बताया कि उसने पहले चुनाव आयोग को समय बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। अब इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। इस याचिका पर अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।
तीसरा मामला असम से जुड़ा है। यहां एसआईआर की बजाय केवल स्पेशल रिवीजन (एसआर) कराने के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि असम जैसे संवेदनशील राज्य में एसआईआर की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है और इसे एसआर से बदलना अनेक विसंगतियों को जन्म देगा। इस याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। इस मामले में भी 16 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।


