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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-यूपी सरकार को भेजा नोटिस, नोएडा पुलिस पर एक वकील को अवैध हिरासत और यौन उत्पीड़न का आरोप

सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील की याचिका पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर, संबंधित एसीपी और एसएचओ को नोटिस जारी किया है

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-यूपी सरकार को भेजा नोटिस, नोएडा पुलिस पर एक वकील को अवैध हिरासत और यौन उत्पीड़न का आरोप
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नोएडा पुलिस पर वकील को अवैध रुप से हिरासत में रखने का आरोप, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील की याचिका पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर, संबंधित एसीपी और एसएचओ को नोटिस जारी किया है।

दरअसल, यह पूरा मामला नोएडा सेक्टर-126 पुलिस स्टेशन में कथित अवैध हिरासत और यौन उत्पीड़न का है।

याचिकाकर्ता वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 13 दिसंबर की रात उन्हें पुलिस द्वारा करीब 14 घंटे तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया, जबकि उन्होंने केवल अपने मुवक्किल के पक्ष में कानूनी दायित्व निभाया था। वकील का आरोप है कि उन्हें पुलिस हिरासत में मानसिक और यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया गया। वकील ने इसे मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन बताया।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एनवी अंजारिया की दो सदस्यीय पीठ ने वकील की ओर से पेश की गई दलीलों को सुना और प्राथमिक तौर पर मामले को गंभीर माना। इसके बाद कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

अदालत ने यह स्पष्ट किया कि यह मामला व्यक्तिगत स्वतंत्रता, विधिक पेशे के अधिकार और पुलिस पावर के दुरुपयोग जैसे महत्वपूर्ण प्रश्नों से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकरण की जांच और जवाब आवश्यक है। इस मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को निर्धारित की गई है।

वकील ने बताया कि रात के समय में उन्हें पुलिस स्टेशन में लगभग 14 घंटे तक हिरासत में रखा गया। अपनी हिरासत को अवैध बताते हुए वकील ने कहा कि यह सब केवल अपने मुवक्किल के प्रति एक वकील के रूप में ड्यूटी को निभाने के लिए किया गया। वकील ने अपनी याचिका में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस हिरासत के दौरान उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया।




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