ममता बनर्जी के बचाव में उतरे सपा सांसद वीरेंद्र सिंह, बोले- उन्होंने बगावत के बारे में महिलाओं और सरकार को आगाह किया
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद वीरेंद्र सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सपा सांसद ने कहा कि ममता बनर्जी ने बगावत के बारे में महिलाओं और सरकार को आगाह किया है

'ममता बनर्जी ने बगावत के बारे में महिलाओं और सरकार को आगाह किया', बचाव में उतरे सपा सांसद वीरेंद्र सिंह
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद वीरेंद्र सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सपा सांसद ने कहा कि ममता बनर्जी ने बगावत के बारे में महिलाओं और सरकार को आगाह किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को एक सभा के दौरान महिलाओं से मतदाता सूची में नाम कटने पर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा था। इस पर शुक्रवार को सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा, "यदि अत्याचार की सीमा बढ़ जाती है तो उसका अंतिम परिणाम बगावत होता है। उन्होंने इस बगावत के बारे में महिलाओं और सरकार को आगाह किया है।"
समाचार एजेंसी से बातचीत में सपा सांसद ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत छह राज्यों में एसआईआर की समयसीमा बढ़ाए जाने पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ""एसएसआईआर की समय सीमा उन्हें बढ़ा देनी चाहिए, लेकिन जिस तरह जिस चालाकी के साथ समय कम देकर किया, उन्होंने बीएलओ के ऊपर इतना दबाव डाला कि कई ने आत्महत्या तक कर ली।"
वीरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि कई बीएलओ ने अपने डाटा को कंप्लीट करने के लिए बिना विजिट के लाखों मतदाताओं को सी-कैटेगरी में डाल दिया है। तो ऐसी स्थिति में उन सी-कैटेगरी के मतदाताओं को कैसे ठीक किया जाएगा? यह बहुत बड़ा चैलेंज है।
उन्होंने कहा, "हमने अपने सभी बीएलए को काम में लगाया है, लेकिन जल्दबाजी में बीएलओ ने मतदाताओं को सी-कैटेगरी में डाल दिया है। अपने आप को साबित करने के लिए कि हम भारत के नागरिक हैं, अब उन मतदाताओं को कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे। उनकी लोगों की नागरिकता पर सवाल खड़ा हो चुका है। यह सवाल चुनाव आयोग और राजनीतिक पार्टियों के लिए भी बड़ा है। इस पर चुनाव आयोग को विचार करना चाहिए।"
इसी बीच, सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने संसद परिसर में ई-सिगरेट पीते दिखे टीएमसी सांसद सौगत रॉय का बचाव किया। उन्होंने कहा, "सौगत रॉय वरिष्ठ सांसद हैं। कई बार के सांसद हैं। उन्हें संसदीय परंपरा और नियमों की जानकारी होगी। मुझे नहीं लगता कि उन्होंने संसदीय नियमों को तोड़ा होगा। भाजपा किसी भी बात को अनावश्यक रूप से तूल देती है, ताकि असली मुद्दे दब जाएं।"


