राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक, किरेन रिजिजू ने विपक्षी नेताओं से की अपील,बोले- पार्लियामेंट को ठीक से चलाने में करें सहयोग
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को होने जा रही है। शीतकालीन सत्र इस बार 1 दिसंबर से शुरू होगा और 19 दिसंबर तक चलेगा। इससे पहले रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें केंद्र और विपक्ष ने अपनी रणनीतियां स्पष्ट कीं।

सर्वदलीय बैठक के बाद किरेन रिजिजू बोले, सदन की सुचारू कार्यवाही के लिए विपक्षी दलों से मांगा सहयोग
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को होने जा रही है। शीतकालीन सत्र इस बार 1 दिसंबर से शुरू होगा और 19 दिसंबर तक चलेगा। इससे पहले रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें केंद्र और विपक्ष ने अपनी रणनीतियां स्पष्ट कीं।
सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'मैं सरकार की तरफ से विश्वास दिलाता हूं कि हम संसद के शीतकालीन सत्र को ठीक से चलाने के लिए विपक्ष के साथ बातचीत करते रहेंगे।' उन्होंने विपक्षी पार्टी के नेताओं से भी अपील की कि वे पार्लियामेंट को ठीक से चलाने में सहयोग करें।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "बैठक बहुत अच्छी और बहुत सार्थक रही। मैं सभी पॉलिटिकल पार्टियों के फ्लोर लीडर्स को धन्यवाद देता हूं। सभी ने हिस्सा लिया और अपनी-अपनी पार्टी के विचार रखे। हम आज पॉलिटिकल पार्टियों के फ्लोर लीडर्स से मिले। सभी सुझावों पर विचार करेंगे और फिर उन्हें बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के सामने पेश करेंगे। इस बैठक में 36 पॉलिटिकल पार्टियां और 50 नेता शामिल हुए।"
उन्होंने कहा कि "मैं सरकार की तरफ से आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम संसद के शीतकालीन सत्र को ठीक से चलाने के लिए इसी तरह विपक्ष के साथ बातचीत करते रहेंगे। साथ ही मैं विपक्षी पार्टी के नेताओं से भी अनुरोध करूंगा कि वे पार्लियामेंट को ठीक से चलाने में सहयोग करें। लोकतंत्र में विशेषकर पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी में रुकावटें आती हैं। पॉलिटिकल पार्टियों में मतभेद होते हैं। सभी को अपनी-अपनी आइडियोलॉजी और एजेंडा के साथ काम करना होता है, इसलिए मतभेद होंगे। इन मतभेदों के बावजूद अगर हम सब तय करते हैं कि सदन को डिस्टर्ब नहीं करना है, जो भी विरोध करना है सदन में रहकर विरोध करना है और सदन की कार्रवाई किसी भी तरह से बंद नहीं करनी है।"
माना जा रहा है कि संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने वाला है। विशेष पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) के दूसरे चरण, 'वोट चोरी' समेत कई मुद्दों को लेकर विपक्षी दल हंगामा कर सकते हैं।
संसद का मॉनसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। मानसून सत्र में लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही काफी बाधित रही थी। इंडी गठबंधन के नेताओं ने एसआईआर के मुद्दों को लेकर हंगामा किया था। ऐसे में एक बार फिर विपक्ष इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेरने को कोशिश करेगी।


