पंजाब बाढ़ पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, मांगा 20,000 करोड़ का राहत पैकेज
पंजाब बाढ़ पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, मांगा 20,000 करोड़ का राहत पैकेज

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, पंजाब के लिए बड़े राहत पैकेज की अपील
- राहुल गांधी बोले- 1,600 करोड़ की राहत नाकाफी, पंजाब को चाहिए व्यापक मदद
- पंजाब की आपदा पर राहुल गांधी का पत्र, बोले- भारत को हर परिवार के साथ खड़ा होना चाहिए
- राहुल गांधी ने बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा साझा की, केंद्र से राहत पैकेज की मांग तेज
नई दिल्ली। पंजाब आपदा को लेकर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। उन्होंने अपील की कि केंद्र सरकार राज्य में नुकसान का शीघ्र आकलन करवाए और एक व्यापक राहत पैकेज प्रदान करे।
राहुल गांधी ने पत्र के जरिए प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि मैं आपको पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ के बारे में लिख रहा हूं। अपनी हालिया यात्रा के दौरान मैंने इस भयावह तबाही और उसकी मानवीय कीमत देखी। 4 लाख एकड़ से ज्यादा धान की फसल बर्बाद हो गई है और 10 लाख से ज्यादा जानवर मारे गए हैं। लाखों लोग, जिनमें से ज्यादातर हाशिए पर पड़े समुदायों से हैं, अपने घर खो चुके हैं। बाढ़ ने निकट भविष्य में जमीन के बड़े हिस्से को खेती के लायक नहीं रहने दिया है। आज भी हजारों एकड़ जमीन जलमग्न है और गांवों का संपर्क टूटा हुआ है।
पत्र में कहा गया है कि इस संकट की गंभीरता के बावजूद मैंने मानवता का सर्वोत्तम उदाहरण देखा। समुदाय उन लोगों के साथ एकजुट हुए जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया था। लोगों ने अजनबियों के लिए अपने घर खोले और जो कुछ भी उनके पास था, उसे बांट दिया। उनकी उदारता और मदद के प्रति प्रतिबद्धता, जो अक्सर बहुत बड़ा व्यक्तिगत जोखिम उठाकर भी होती है, सराहनीय थी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित 1,600 करोड़ रुपए की शुरुआती राहत पंजाब के लोगों के साथ घोर अन्याय है। अनुमान है कि राज्य को कम से कम 20,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इस संकट के लिए और भी ज्यादा ठोस प्रतिक्रिया की जरूरत है। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह नुकसान का शीघ्र आकलन करके एक व्यापक राहत पैकेज प्रदान करे।
राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब फिर उठ खड़ा होगा। उनकी इस मुश्किल घड़ी में हमें पंजाब के हर किसान, हर जवान और हर परिवार को यह भरोसा दिलाना होगा कि भारत उनके साथ खड़ा है। हमें एकजुट होकर उनके भविष्य के पुनर्निर्माण में हर संभव मदद करनी होगी।


