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राहुल गांधी के बयान को गंभीरता से लेना चाहिए : पुष्पेंद्र सरोज

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार से 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत-पाक सीजफायर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता पर सवाल पूछ रहे हैं

राहुल गांधी के बयान को गंभीरता से लेना चाहिए : पुष्पेंद्र सरोज
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नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार से 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत-पाक सीजफायर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता पर सवाल पूछ रहे हैं। इसी बीच सोमवार से शुरू रहे संसद के मानसून सत्र में भी माना जा रहा है कि विपक्षी दलों की तरफ से सरकार को 'ऑपरेशन सिंदूर' और सीजफायर के मुद्दे पर घेरा जाएगा।

रविवार को सपा सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने कहा कि शनिवार को इंडिया ब्लॉक और रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई। दोनों बैठक काफी अच्छी रही हैं। हम मानसून सत्र में सरकार से जनता से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर जवाब मांगेंगे। उम्मीद है कि सदन के भीतर दोनों पक्षों की ओर से सार्थक चर्चा होगी। राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर ग्रामीण विकास तक कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। इसे समाजवादी पार्टी की ओर से उठाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर विपक्ष की मांग थी कि एक विशेष सत्र बुलाकर इस पर चर्चा की जाए। विपक्ष की मांग को केंद्र ने ठुकरा दिया था। अब मानसून सत्र में सभी सवालों के जवाब मांगे जाएंगे।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जो सवाल पूछ रहे हैं, वह उचित हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान जितना हमारी सरकार ने हमें नहीं बताया है, उससे ज्यादा तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बता दिया। यह ठीक बात नहीं है। देश जानना चाहता है कि ट्रंप जो कह रहे हैं, उसमें कितनी सच्चाई है। केंद्र सरकार को सदन में पूरे ऑपरेशन से जुड़े फैक्ट्स बताने चाहिए, जिससे विश्व में भारत की संसद से एक संदेश जाए कि आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में हम सभी एक हैं।

स्कूल मर्जर पर उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं है। स्कूल बंद कर शराब के ठेके खोले जा रहे हैं। दुर्भाग्य है कि सरकार विकास नहीं चाहती है। स्कूल को मर्ज कर शिक्षकों को बेरोजगार करने की पूरी प्लानिंग है। शिक्षकों में डर है कि कहीं उन्हें जाति के आधार पर तो नहीं निकाला जाएगा।

उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर कहा कि पहली बार देखने को मिल रहा है कि पीड़ित के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होता है। जांच की बात होती है। लेकिन, जांच में कुछ भी नहीं निकलता है।

वहीं, उन्होंने कांवड़ यात्रा पर कहा कि कानून व्यवस्था देखने का जिम्मा प्रदेश सरकार का है। अच्छी बात है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ताजिया पर बोलते हैं। लेकिन, उन्हें उन मुद्दों पर भी बोलना चाहिए, जहां कांवड़ यात्रा में शामिल लोग पुलिस-प्रशासन पर हमला करते हैं।


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