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संसद के शीतकालीन सत्र में प्रदूषण पर चर्चा होनी चाहिए : इमरान प्रतापगढ़ी

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के प्रदूषण पर चर्चा करने वाले बयान का समर्थन करते हुए कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर चर्चा होनी चाहिए

संसद के शीतकालीन सत्र में प्रदूषण पर चर्चा होनी चाहिए : इमरान प्रतापगढ़ी
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नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के प्रदूषण पर चर्चा करने वाले बयान का समर्थन करते हुए कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बहुत ही सुंदर कार्य और अच्छे मुद्दे उठा रहे हैं। ये वे मुद्दे हैं, जिन्हें भाजपा के लोगों को उठाने चाहिए।

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी का बयान उस वक्त आया है, जब नेता प्रतिपक्ष ने सदन में प्रदूषण को लेकर संबोधन दिया। राहुल गांधी ने कहा कि वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपदा बन चुका है, जिसके खिलाफ एक तत्काल, व्यापक और निर्णायक राष्ट्रीय योजना की जरूरत है।

यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है, जिसके नियंत्रण, समाधान और हमारे लोगों के भविष्य की रक्षा के लिए हम प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं। हमारे ज्यादातर बड़े शहर जहरीली हवा की चादर में ढके हुए हैं। लाखों बच्चों को फेफड़ों की बीमारी हो रही है। उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है। लोगों को कैंसर हो रहा है। बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। यह एक दिलचस्प मुद्दा है क्योंकि मुझे यकीन है कि इस मुद्दे पर सरकार और हमारे बीच पूरी सहमति होगी। यह कोई सोच का मुद्दा नहीं है। इस सदन में हर कोई इस बात से सहमत होगा कि एयर पॉल्यूशन, जो हमारे लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है, वह कुछ ऐसा है जिस पर हम सहयोग करना चाहेंगे।

राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि भाजपा के लोग लोकसभा चुनाव के दौरान ‘400 पार’ का नारा दे रहे थे, लेकिन आज राजधानी दिल्ली में एक्यूआई 400 पार चला गया है। सांसें ही नहीं मिलेंगी तो जियेंगे कैसे? वर्तमान संसद सत्र का सबसे प्रमुख मुद्दा प्रदूषण होना चाहिए। राहुल गांधी ने जो बात कही है, वह बिल्कुल सही है। अब समय आ गया है कि हम नारों से हटकर सांसों की चिंता करें और प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम उठाएं।

उन्होंने चुनाव सुधार प्रक्रिया को लेकर कहा कि निष्पक्षता बहुत जरूरी है। आप हमसे दो किलोमीटर खड़े होकर रेस की बराबरी की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?


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