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लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, सत्र की उत्पादकता लगभग 111 प्रतिशत रही

लोकसभा का छठा सत्र शुक्रवार को औपचारिक रूप से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र की कार्यवाही समाप्ति से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को संबोधित करते हुए इस सत्र की उपलब्धियों, कार्य संस्कृति और सांसदों के सहयोग के लिए धन्यवाद व्यक्त किया

लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, सत्र की उत्पादकता लगभग 111 प्रतिशत रही
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लोकसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, 111 प्रतिशत रही सभा की उत्पादकता

नई दिल्ली। लोकसभा का छठा सत्र शुक्रवार को औपचारिक रूप से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र की कार्यवाही समाप्ति से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को संबोधित करते हुए इस सत्र की उपलब्धियों, कार्य संस्कृति और सांसदों के सहयोग के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।

ओम बिरला ने कहा कि हम 18वीं लोकसभा के छठे सत्र के अंत पर पहुंच चुके हैं। इस अवधि में सदन की 15 बैठकों का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न विधायी और अन्य कार्यों के चलते इस सत्र की उत्पादकता लगभग 111 प्रतिशत रही।

उन्होंने कहा, "माननीय सदस्यगण, अब हम 18वीं लोक लोकसभा के छठे सत्र की समाप्ति की ओर आ गए हैं। इस सत्र में हमने 15 बैठकें कीं। आप सभी के सहयोग से इस सत्र में सभा की उत्पादकता लगभग 111 प्रतिशत रही। इसके लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं।"

अध्यक्ष ने आगे सभी सदस्यों से निवेदन किया कि वे 'वंदे मातरम' की धुन के सम्मान में अपने स्थान पर खड़े हों। इसके बाद औपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाती है।

अनिश्चितकालीन स्थगन का अर्थ है कि अब इस सत्र की कोई अगली बैठक नहीं होगी। अगला सत्र केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति की अनुमति से बुलाया जाएगा।

ओम बिरला ने एक्स पोस्ट में लिखा, "18वीं लोकसभा के छठे सत्र का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह सत्र 1 दिसंबर, 2025 को आरंभ हुआ जिसमें कुल 15 बैठकें आयोजित हुई। सभी माननीय सदस्यों के सहयोग से सदन की उत्पादकता 111 प्रतिशत के करीब रही। सदन की कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए माननीय प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, सत्ता पक्ष एवं प्रतिपक्ष के सभी माननीय सदस्यों, लोक सभा सचिवालय तथा मीडिया के प्रति हार्दिक आभार।

बता दें कि संसद सत्र के आखिरी दिन भी संसद परिसर में विपक्षी दलों का विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने मनरेगा का नाम बदलने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान, सांसदों ने 'मनरेगा को मत मारो' के नारे भी लगाए।

ज्ञात हो कि विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन विधेयक 'जी राम जी' को भारी हंगामे के बीच गुरुवार को लोकसभा में पारित कर दिया गया। यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 की जगह लेगा। सरकार के इस फैसले के खिलाफ विपक्ष लामबंद है और प्रदर्शन कर रहा है।


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