Top
Begin typing your search above and press return to search.

जयराम रमेश ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल पर एफआईआर का किया विरोध, बोले- सरकार डराने की कोशिश कर रही

कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर दर्ज हुई एफआईआर का कड़ा विरोध किया है। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मिलकर कांग्रेस के टॉप नेताओं को लगातार निशाने पर ले रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार विपक्ष को डराने-धमकाने और दबाने की राजनीति कर रही है

जयराम रमेश ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल पर एफआईआर का किया विरोध, बोले- सरकार डराने की कोशिश कर रही
X

सोनिया-राहुल पर एफआईआर का विरोध, जयराम रमेश बोले-डराने की कोशिश कर रही केंद्र सरकार

नई दिल्ली। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर दर्ज हुई एफआईआर का कड़ा विरोध किया है। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मिलकर कांग्रेस के टॉप नेताओं को लगातार निशाने पर ले रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार विपक्ष को डराने-धमकाने और दबाने की राजनीति कर रही है।

कांग्रेस का कहना है कि यह सब राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है, जिसका मकसद विपक्ष को कमजोर करना है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर लिखा, 'मोदी-शाह की जोड़ी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ लगातार डराने-धमकाने और राजनीतिक प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। जो खुद असुरक्षित और भयभीत होते हैं, वही दूसरों को डराने की कोशिश करते हैं। नेशनल हेराल्ड मामला पूरी तरह से झूठा और निराधार है। अंततः न्याय की ही जीत होगी। सत्यमेव जयते!'

दरअसल, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज कर दी है। इस केस में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एफआईआर में कुल नौ आरोपी हैं, जिनमें छह लोग और तीन कंपनियां शामिल हैं। यह कार्रवाई ईडी की 3 अक्टूबर 2025 को दी गई शिकायत के आधार पर हुई है।

आरोप है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की करीब 2,000 करोड़ की संपत्तियों पर गलत तरीके से कब्जा करने की साजिश रची गई। एजेएल वही कंपनी है जो नेशनल हेराल्ड अखबार चलाती थी और 2008 में वित्तीय दिक्कतों के कारण बंद हो गई थी। उस समय एजेएल पर 90 करोड़ रुपए से ज्यादा का ब्याजरहित कर्ज था।

2010 में बनी कंपनी यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एजेएल की 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को मात्र 50 लाख रुपए में खरीद लिया। इस कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी का 76 प्रतिशत शेयर है, जिससे वे इसके प्रमुख मालिक बन गए। आरोप यह भी है कि सार्वजनिक धन को निजी फायदे में बदलने के लिए यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई गई थी।

इसके अलावा, कोलकाता की एक कथित शेल कंपनी डॉटेक्स द्वारा यंग इंडिया को 1 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने को भी साजिश का हिस्सा बताया जा रहा है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it