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भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के सरकार के दावे खोखले : राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि देश में बड़े स्तर पर पेपर लीक हो रहे हैं और उम्मीदवारों के सैकड़ों किलोमीटर यात्रा कर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने पर परीक्षाएं रद्द होने की सूचना मिलती है जिससे युवाओं में निराशा है, लेकिन मोदी सरकार तंत्र की इस विफलता को तोड़ने में नाकाम साबित हो रही है

भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के सरकार के दावे खोखले : राहुल गांधी
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नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि देश में बड़े स्तर पर पेपर लीक हो रहे हैं और उम्मीदवारों के सैकड़ों किलोमीटर यात्रा कर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने पर परीक्षाएं रद्द होने की सूचना मिलती है जिससे युवाओं में निराशा है, लेकिन मोदी सरकार तंत्र की इस विफलता को तोड़ने में नाकाम साबित हो रही है।

राहुल गांधी ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि मोदी सरकार परीक्षाओं में पारदर्शिता की बात करती है, लेकिन देश भर में बड़े स्तर पर पेपर लीक की घटनाएं हो रही है और सरकार माफियाओं पर नकेल कसने में पूरी तरह से विफल रही है।

कांग्रेस नेता ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) फेज़-13 की परीक्षा में सामने आ रही गड़बड़ियां सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि मोदी सरकार के विफलता और सड़े हुए सिस्टम का आईना हैं। अभ्यर्थी 400–500 किलोमीटर दूर से परीक्षा देने केंद्र पर पहुंचता है पता चलता है कि उनकी परीक्षा रद्द कर दी गई है।”

उन्होंने कहा कि सिस्टम की खामियों के कारण लगातार पेपर लीक और परीक्षा रद्द होने की घटनाएं हो रहे हैं जिसके कारण लाखों युवाओं और उनके परिवार के लोगों की मेहनत, समय और उम्मीदें बर्बाद हो रही हैं। पिछले 10 साल में नीट, एनईटी, यूपीपीएससी, बीपीएस और बोर्ड परीक्षाओं सहित 80 से ज्यादा पेपर्स में खुलेआम धांधली हुई है। सिर्फ इस साल की धांधली से 85 लाख बच्चों का भविष्य प्रभावित हुआ है, लेकिन इन्हें रोकने में सरकार नाकाम रही है और भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता तथा सुधार के बड़े-बड़े उनके वादे खोखले साबित हुए हैं।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि पेपर लीक की घटनाएं सरकार के निकम्मेपन, प्रशासनिक भ्रष्टाचार और परीक्षा माफियाओं के गठजोड़ का नतीजा है। युवाओं के सपनों के साथ यह विश्वासघात बंद होना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने एक अखबार और समाचार चैनल की खबर को भी पोस्ट किया है जिसमें पेपर लीक के संकट का विस्तृत विवरण दिया गया है।


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