Top
Begin typing your search above and press return to search.

चुनाव आयोग ने फिर दोहराया, राहुल गांधी डिक्लेरेशन दें या फिर झूठे आरोपों के लिए देश से माफी मांगें

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से लगातार चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के आरोप लगाए जा रहे हैं

चुनाव आयोग ने फिर दोहराया, राहुल गांधी डिक्लेरेशन दें या फिर झूठे आरोपों के लिए देश से माफी मांगें
X

  • चुनाव आयोग का राहुल गांधी को अल्टीमेटम : डिक्लेरेशन दें या माफी मांगें

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से लगातार चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के आरोप लगाए जा रहे हैं। इसे लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर सख्ती से उनके बयान पर अपना जवाब दोहराया।

"वोट चोरी" के आरोपों पर ECI सख्त, राहुल गांधी के दावों को बताया भ्रामक

आयोग ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी नियमों के अनुसार डिक्लेरेशन दें या फिर अपने झूठे आरोपों के लिए देश से माफी मांगें। इससे पहले भी भारत निर्वाचन आयोग ने नेता प्रतिपक्ष के बयान को भ्रामक बताया था।

कमलनाथ बनाम चुनाव आयोग मामला: ECI ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला

चुनाव आयोग फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा था कि मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट उपलब्ध कराने की कांग्रेस की याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने 'कमलनाथ बनाम चुनाव आयोग, 2019' में खारिज कर दिया था। कोई भी पीड़ित उम्मीदवार 45 दिनों के भीतर संबंधित हाई कोर्ट में अपने निर्वाचन को चुनौती देने के लिए चुनाव याचिका (ईपी) दायर कर सकता है।

उन्होंने कहा कि अगर ईपी दायर की जाती है तो सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखी जाती है। अन्यथा, इसका कोई उद्देश्य नहीं है, जब तक कि कोई मतदाता की गोपनीयता भंग करने का इरादा न रखता हो। उदाहरण के लिए, 1 लाख मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा में 1 लाख दिन लगेंगे, यानी लगभग 273 साल, और इसका कोई कानूनी नतीजा निकलना संभव नहीं है।

फर्जी वोटर लिस्ट के दावों पर ECI का पलटवार, कहा- राहुल गांधी ने नहीं की कोई लिखित शिकायत

ईसीआई फैक्ट चेक ने कहा कि लोकसभा 2024 में वोटर लिस्ट तैयार करने के दौरान आरपी अधिनियम 1950 की धारा 24 के तहत सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कांग्रेस द्वारा शायद ही कोई अपील दायर की गई हो। राहुल गांधी द्वारा ऐसे कई आरोप लगाए जा रहे हैं और मीडिया द्वारा रिपोर्ट किए जा रहे हैं, जबकि उन्होंने कभी कोई लिखित शिकायत प्रस्तुत नहीं की है। अतीत में भी उन्होंने कभी व्यक्तिगत रूप से स्व-हस्ताक्षरित पत्र नहीं भेजा है।

चुनाव आयोग के अनुसार, उदाहरण के लिए उन्होंने दिसंबर 2024 में महाराष्ट्र का मुद्दा उठाया। इसके बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक वकील ने ईसीआई को पत्र लिखा। हमारा उत्तर 24 दिसंबर 2024 को ईसीआई की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। फिर भी राहुल गांधी का दावा है कि चुनाव आयोग ने कभी जवाब नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि यदि राहुल गांधी अपने विश्लेषण पर विश्वास करते हैं और मानते हैं कि चुनाव कर्मचारियों के विरुद्ध उनके आरोप सत्य हैं, तो उन्हें मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(ख) के अनुसार विशिष्ट मतदाताओं के विरुद्ध दावे और आपत्तियां प्रस्तुत करने एवं घोषणा या शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। अगर राहुल गांधी घोषणा पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो इसका अर्थ होगा कि उन्हें अपने विश्लेषण और परिणामी निष्कर्षों पर विश्वास नहीं है और वे बेतुके आरोप लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें राष्ट्र से क्षमा याचना करनी चाहिए।

इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से 5 सवाल किए थे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it