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चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को दिया निर्देश, शपथ पत्र दें या गुमराह करना करें बंद

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाए गए धांधली के आरोप को लेकर भारत निर्वाचन आयोग फैक्ट चेक ने जवाब दिया है

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को दिया निर्देश, शपथ पत्र दें या गुमराह करना करें बंद
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  • राहुल गांधी को ईसी का निर्देश: आरोपों पर दें शपथ पत्र या बंद करें गुमराह करना

नई दिल्ली। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाए गए धांधली के आरोप को लेकर भारत निर्वाचन आयोग फैक्ट चेक ने जवाब दिया है। ईसीआई फैक्ट चेक ने राहुल गांधी के बयान को भ्रामक बताया।

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के दावों को बताया भ्रामक

चुनाव आयोग फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि अगर राहुल गांधी मानते हैं कि वे जो कह रहे हैं, वह सच है तो उन्हें मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के 20(3)(बी) के अनुसार घोषणा या शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करके गुरुवार शाम तक महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करना चाहिए ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।

उन्होंने आगे कहा कि यदि राहुल गांधी अपनी बातों पर विश्वास नहीं करते हैं तो उन्हें बेतुके निष्कर्षों पर पहुंचना और भारत के नागरिकों को गुमराह करना बंद कर देना चाहिए।

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनावों पर उठाए सवाल

इससे पहले राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि महाराष्ट्र में सिर्फ 5 महीनों में जितने नए मतदाता जोड़े गए, उतने पिछले 5 सालों में भी नहीं जोड़े गए थे। कई क्षेत्रों में जितने वोटर जोड़े गए, वे उन इलाकों की पूरी आबादी से भी ज्यादा थे। 5 बजे के बाद वोटिंग में अचानक जबरदस्त उछाल आया, लेकिन पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की लाइनें नहीं थीं।

चुनाव आयोग पर लगा गैर-मशीन-पठनीय सूची का आरोप

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से मना कर दिया। अगर हमारे पास सॉफ्ट कॉपी होती तो हम पूरे डेटा को 30 सेकंड में एनालाइज कर सकते थे, लेकिन हमें कागज के सात-फुट लंबे बंडल मिले, जिन्हें पढ़ने और मिलाने में छह महीने लगे। सिर्फ एक विधानसभा सीट के लिए 30-40 लोगों की टीम ने दिन-रात काम किया। ईसी जानबूझकर ऐसा डेटा देता है, जिसे स्कैन कर पढ़ा न जा सके। ईसी ने सीसीटीवी फुटेज तक पहुंचने के नियम बदल दिए। इसके साथ ही चुनाव आयोग डिजिटल डेटा देने से इनकार करता है। ये सब इसलिए किया जा रहा है ताकि कोई जांच न कर सके।


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