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दिल्ली के खानपुर इलाके में 3 ठिकानों पर ईडी ने की छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के खानपुर इलाके में तीन जगहों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई एक फर्जी कॉल सेंटर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई

दिल्ली के खानपुर इलाके में 3 ठिकानों पर ईडी ने की छापेमारी
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  • दिल्ली के खानपुर में ईडी की छापेमारी: फर्जी कॉल सेंटर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के खानपुर इलाके में तीन जगहों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई एक फर्जी कॉल सेंटर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई। इस कॉल सेंटर पर पायरेटेड सॉफ्टवेयर बेचकर अमेरिकी नागरिकों को ठगने का आरोप है।

दिल्ली के खानपुर में छापेमारी गुरुवार रात करीब 10:30 बजे शुरू हुई और अभी भी जारी है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही है।

पायरेटेड सॉफ्टवेयर बेचकर अमेरिकी नागरिकों को ठगने का आरोप, ₹100 करोड़ की विदेशी फंडिंग का संदेह

प्रारंभिक जांच से सामने आया कि कॉल सेंटर ऐसे व्यक्तियों द्वारा चलाया जा रहा था, जो माइक्रोसॉफ्ट विंडोज जैसे असली सॉफ्टवेयर की आड़ में 'पायरेटेड' सॉफ्टवेयर बेच रहे थे। आरोपियों ने अमेरिका समेत अन्य देशों के नागरिकों को गुमराह करके यह सॉफ्टवेयर बेचे। प्रवर्तन निदेशालय को संदेह है कि संचालकों को 2016-17 और 2024-25 के बीच लगभग 100 करोड़ रुपए की विदेशी धनराशि प्राप्त हुई। फिलहाल इस मामले में ईडी की जांच जारी है।

'नकली बैंक गारंटी रैकेट' पर भी ईडी का शिकंजा, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में छापेमारी

इसके अलावा, 'नकली बैंक गारंटी रैकेट' मामले में भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है। नवंबर 2024 में दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक मामला दर्ज किया था। इसी आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई शुरू की है।

मामले में ईडी ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कई ठिकानों पर छापे मारे। भुवनेश्वर में बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों से जुड़े 3 परिसर पर छापेमारी की गई। कोलकाता में एक सहयोगी के ठिकाने पर कार्रवाई हुई।

फर्जी बैंक गारंटी और संदिग्ध लेनदेन: बिस्वाल ट्रेडलिंक पर ईडी की जांच

जांच में खुलासा हुआ कि ओडिशा स्थित बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड, उसके निदेशक और सहयोगी 8 प्रतिशत कमीशन पर फर्जी बैंक गारंटी जारी करने में शामिल थे। इन लोगों ने कमीशन के लिए फर्जी बिल जारी किए। कई अघोषित बैंक खातों का पता चला है, जिनमें कथित तौर पर करोड़ों रुपए के संदिग्ध लेनदेन हुए। ईडी की जांच में कई कंपनियों के साथ संदिग्ध वित्तीय लेनदेन का भी पता चला है।


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