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कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इंडिगो संकट पर दिया स्थगन प्रस्ताव, दो गंभीर मुद्दों को लेकर सरकार से मांगा जवाब

लोकसभा में गुरुवार को कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े दो गंभीर मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा। एक ओर जहां उन्होंने इंडिगो एयरलाइंस की बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द होने और देरी से पैदा हुई अराजकता पर संसद में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया, वहीं दूसरी ओर एयर इंडिया के अहमदाबाद विमान हादसे की जांच को लेकर सरकार के जवाब पर भी सवाल उठाए

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इंडिगो संकट पर दिया स्थगन प्रस्ताव, दो गंभीर मुद्दों को लेकर सरकार से मांगा जवाब
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इंडिगो उड़ान संकट पर मनीष तिवारी का स्थगन प्रस्ताव, एयर इंडिया हादसे में सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े दो गंभीर मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा। एक ओर जहां उन्होंने इंडिगो एयरलाइंस की बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द होने और देरी से पैदा हुई अराजकता पर संसद में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया, वहीं दूसरी ओर एयर इंडिया के अहमदाबाद विमान हादसे की जांच को लेकर सरकार के जवाब पर भी सवाल उठाए।

लोकसभा सचिवालय को दिए गए स्थगन प्रस्ताव नोटिस में मनीष तिवारी ने मांग की है कि प्रश्नकाल, शून्यकाल और दिन के सभी सूचीबद्ध कार्य स्थगित कर इंडिगो एयरलाइंस के कारण देशभर में उत्पन्न हुई गंभीर स्थिति पर तत्काल चर्चा कराई जाए। उन्होंने कहा कि इंडिगो द्वारा व्यापक स्तर पर उड़ानें रद्द किए जाने और देरी के कारण हजारों यात्री देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं।

मनीष तिवारी ने नोटिस में कहा कि जनवरी 2024 में सरकार ने डीजीसीए के फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के तहत पायलटों के ड्यूटी और विश्राम से जुड़े नए नियम अधिसूचित किए थे। ये नियम काफी पहले जारी कर दिए गए थे, ताकि सभी एयरलाइंस को अपने रोस्टर समायोजित करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। इसके बावजूद इंडिगो इन नियमों का पालन करने में विफल रही, जिसके चलते कुछ ही दिनों में एक हजार से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और पूरे देश में भारी अव्यवस्था फैल गई।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिर्फ कुप्रबंधन नहीं है, बल्कि जानबूझकर नियमों की अनदेखी जैसा प्रतीत होता है, जिससे सरकार पर दबाव बनाकर सुरक्षा नियमों को वापस लेने की स्थिति पैदा हुई।

मनीष तिवारी ने सरकार से तत्काल जांच के आदेश देने, एयरलाइन को जवाबदेह ठहराने, प्रभावित यात्रियों को पूरा रिफंड और मुआवजा देने तथा भविष्य में इस तरह की सार्वजनिक असुविधा रोकने के लिए ठोस सुरक्षा उपाय करने की मांग की है।

मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर भी एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट हादसे को छह महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दुर्घटना की असली वजह क्या थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार इस मुद्दे पर अस्पष्ट जवाब दे रही है।

मनीष तिवारी द्वारा पूछे गए लोकसभा के एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि इस हादसे की जांच अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के मानकों के अनुसार एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा है। इस जांच में विमान निर्माता देश, डिजाइन देश, पंजीकरण देश और ऑपरेटर देश सहित अन्य देशों की भागीदारी भी हो सकती है।

सरकार ने यह भी बताया कि विमान के फ्रंट और रियर दोनों एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर (ईएएफआर), जिनमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर शामिल हैं, 13 और 16 जून 2025 को बरामद किए गए थे। इन्हें 24 जून 2025 को सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत दिल्ली स्थित एएआईबी को सौंपा गया। सरकार के अनुसार, ये रिकॉर्डर लगातार सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी में एएआईबी के पास हैं।

स्वतंत्र जांच की मांग पर सरकार ने कहा कि एएआईबी वर्ष 2012 में एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्थापित किया गया था और यह 2025 के विमान दुर्घटना जांच नियमों के तहत पूरी स्वायत्तता के साथ काम करता है।

हालांकि, मनीष तिवारी का कहना है कि इतने बड़े हादसे और यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े मामलों में सरकार को और अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही दिखानी चाहिए ताकि जनता का भरोसा बहाल हो सके।


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