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नेशनल हेराल्ड केस : राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई टाली, 7 नवंबर को अगली तारीख

नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया है

नेशनल हेराल्ड केस : राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई टाली, 7 नवंबर को अगली तारीख
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मनी लॉन्ड्रिंग केस में गांधी परिवार पर आरोप, कोर्ट ने ईडी से मांगा स्पष्टीकरण

  • नेशनल हेराल्ड मामला: चार्जशीट पर संज्ञान से पहले कोर्ट ने मांगी और जानकारी
  • ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट की सख्ती, अगली सुनवाई 7 नवंबर को
  • नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल आरोपी, कोर्ट ने सुनवाई टाली

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया है। विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। अगली सुनवाई 7 नवंबर को निर्धारित की गई है।

कोर्ट ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने की प्रक्रिया में है, जिसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है। पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने ईडी से कुछ पहलुओं पर विस्तृत जानकारी मांगी थी।

यह मामला 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें आरोप लगाया गया कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड अखबार की मूल प्रकाशक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों को अनुचित तरीके से हथियाने की साजिश रची।

ईडी ने अप्रैल 2025 में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस प्रमुख सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन लिमिटेड और डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया गया।

ईडी का दावा है कि यंग इंडियन लिमिटेड (जिसमें सोनिया और राहुल 38-38 प्रतिशत शेयर रखते हैं) ने मात्र 50 लाख रुपए चुकाकर एजेएल की करीब 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति हड़प ली।

ईडी के अनुसार, 2008 में बंद हो चुके नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए 2010 में 'यंग इंडियन' का गठन किया गया। कांग्रेस ने एजेएल को 90 करोड़ रुपए का ब्याज-मुक्त ऋण दिया, जिसे यंग इंडियन ने 'लोन' के रूप में चुकाया, लेकिन वास्तव में यह संपत्ति हस्तांतरण था।

जुलाई महीने में हुई सुनवाई में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी. राजू ने तर्क दिया कि यंग इंडियन 'कठपुतली' कंपनी है और गांधी परिवार के अन्य आरोपी उसके इशारे पर काम करते हैं। ईडी ने कहा कि इस 'फर्जी लेन-देन' से गांधी परिवार को 142 करोड़ रुपए की 'अपराध की आय' प्राप्त हुई, जो मनी लॉन्ड्रिंग का स्पष्ट मामला है।


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