कांग्रेस के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को लिखा पत्र, बातचीत के लिए बुलाया
भारत निर्वाचन आयोग सचिवालय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश को एक पत्र लिखकर दोपहर 12 बजे बैठक के लिए आमंत्रित किया है

चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को पत्र भेजा, सुकुमार सेन हॉल में दोपहर 12 बजे होगी बैठक
- 10 अगस्त के पत्र के जवाब में बैठक के लिए आमंत्रण
- संसद भवन से चुनाव आयोग तक एक किलोमीटर लंबा मार्च
- मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप
- बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल
- इंडिया ब्लॉक ने मतदाता सूचियों की अखंडता सुनिश्चित करने की अपील
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग सचिवालय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश को एक पत्र लिखकर दोपहर 12 बजे बैठक के लिए आमंत्रित किया है। यह बैठक राजधानी दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन, अशोक रोड के सातवें माले पर स्थित सुकुमार सेन हॉल में आयोजित होगी।
निर्वाचन आयोग की ओर से भेजे गए पत्र में जयराम रमेश के 10 अगस्त 2025 को लिखे गए पत्र का संदर्भ देते हुए कहा गया है कि उसमें व्यक्त अनुरोध पर विचार किया गया है और आयोग ने संबंधित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के लिए समय निर्धारित कर दिया है।
बैठक में सीमित स्थान, नाम और वाहन नंबर की मांग
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि बैठक में सीमित स्थान होने के कारण अधिकतम 30 व्यक्तियों के नाम और उनके वाहन नंबर पहले से आयोग को उपलब्ध कराना आवश्यक होगा। इसके लिए आयोग ने ईमेल एड्रेस भी प्रदान किया है, जिस पर यह जानकारी भेजने का अनुरोध किया गया है।
राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष का विरोध मार्च
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) मुख्यालय तक इंडिया ब्लॉक के लगभग 300 सांसदों के विरोध मार्च का नेतृत्व करेंगे। यह मार्च सुबह 11:30 बजे संसद भवन से शुरू होगा और चुनाव आयोग कार्यालय तक लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय करेगा। यह प्रदर्शन बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध करने और कथित चुनावी गड़बड़ियों पर चिंता जताने के लिए किया जा रहा है।
विपक्ष ने भाजपा पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का आरोप लगाया
इस मार्च में राहुल गांधी के साथ विपक्षी गठबंधन के अन्य वरिष्ठ नेता और सांसद भी शामिल होंगे। इंडिया ब्लॉक ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर मतदाता सूची में हेरफेर करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का आरोप लगाया है। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य चुनाव आयोग पर पारदर्शी कार्रवाई करने और मतदाता सूचियों की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाना है।


