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अखलाक मॉब लिंचिंग हत्याकांड : सूरजपुर कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की केस वापिस लेने की अर्ज़ी ख़ारिज की, अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी

ग्रेटर नोएडा के दादरी के बिसाहड़ा गांव में हुए चर्चित अखलाक हत्याकांड को लेकर एक बार फिर न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा और अहम मोड़ आया है

अखलाक मॉब लिंचिंग हत्याकांड : सूरजपुर कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की केस वापिस लेने की अर्ज़ी ख़ारिज की, अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी
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अखलाक हत्याकांड में कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की याचिका खारिज की, 6 जनवरी को अगली सुनवाई

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के दादरी के बिसाहड़ा गांव में हुए चर्चित अखलाक हत्याकांड को लेकर एक बार फिर न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा और अहम मोड़ आया है।

इस मामले में आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने के लिए शासन की ओर से दाखिल की गई याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस याचिका को आधारहीन और महत्वहीन बताते हुए स्पष्ट शब्दों में निरस्त कर दिया, जिससे यह साफ हो गया है कि इस संवेदनशील मामले में मुकदमे की सुनवाई जारी रहेगी।

ग्रेटर नोएडा स्थित सूरजपुर कोर्ट में आज दादरी अखलाक मॉब लिंचिंग हत्याकांड से जुड़े अभियोजन पक्ष के केस वापसी के आवेदन पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमा वापस लेने की अर्जी अदालत के समक्ष रखी गई थी। हालांकि, फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस अर्जी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर यह याचिका न तो कानूनी रूप से मजबूत है और न ही न्याय के हित में है।

कोर्ट के इस फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अखलाक हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ेगा और मामले की नियमित सुनवाई होगी। इसके लिए अगली तारीख 6 जनवरी निर्धारित की गई है।

इसके साथ ही कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा को लेकर भी सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने पुलिस कमिश्नर और डीसीपी ग्रेटर नोएडा को निर्देशित किया है कि यदि इस मामले में किसी भी गवाह को सुरक्षा की आवश्यकता महसूस होती है, तो उन्हें तत्काल और पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

कोर्ट का मानना है कि निष्पक्ष और भयमुक्त माहौल में गवाही होना न्यायिक प्रक्रिया के लिए अत्यंत आवश्यक है। बिसाहड़ा गांव में हुए अखलाक हत्याकांड ने देशभर में सामाजिक और राजनीतिक बहस को जन्म दिया था। यह मामला लंबे समय से अदालत में लंबित है और समय-समय पर इससे जुड़े फैसले सुर्खियों में रहे हैं। अब सभी की निगाहें 6 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां से इस बहुचर्चित मामले की दिशा और आगे तय होगी।


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