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शिक्षा नीति के प्रावधान लागू न होने से दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र नाराज, किया प्रदर्शन

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया

शिक्षा नीति के प्रावधान लागू न होने से दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र नाराज, किया प्रदर्शन
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नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।

छात्रों का कहना था कि दिल्ली विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कई महत्वपूर्ण प्रावधानों को अब तक लागू नहीं किया गया है। अभाविप के मुताबिक, विश्वविद्यालय प्रशासन की नीतियां शिक्षा-विरोधी और छात्र-विरोधी हैं। इसके विरोध में विश्वविद्यालय के कला संकाय में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के पश्चात छात्र संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति को एक ज्ञापन दिया।

ज्ञापन में छात्रों ने कुलपति से समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की मांग की है। प्रदर्शन के दौरान अभाविप ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पूर्ण कार्यान्वयन की मांग की। इसके तहत स्नातक कार्यक्रमों में शोध वर्ष (चौथे वर्ष) को शामिल करने की मांग की गई। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में ‘वन कोर्स, वन फीस’ नीति लागू करने की मांग विश्वविद्यालय से की गई है। प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, केंद्रीकृत हॉस्टल आवंटन प्रणाली लागू करने, एससी-एसटी, ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्तियों में वृद्धि, तथा छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य हेतु माइंडफुलनेस सेंटर की स्थापना जैसी प्रमुख मांगें भी उठाई गई हैं।

अभाविप के सार्थक शर्मा ने आरोप लगाया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने अब तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पूर्ण कार्यान्वयन नहीं किया है। इसके कारण छात्र परेशानी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र-विरोधी कार्य कर रहा है। निरंतर छात्रों का शोषण हो रहा है। छात्रों ने ज्ञापन में कुलपति से त्वरित समाधान की मांग की है।

गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी से जुड़े जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में फीस वृद्धि के खिलाफ छात्र सड़कों पर उतर आए थे। बड़ी संख्या में छात्रों ने जहां एक ओर फीस वृद्धि का मामला उठाया और स्पष्ट किया कि शुल्क वृद्धि के निर्णय की वापसी तक वे नया शुल्क नहीं भरेंगे। छात्रों ने बढ़ी हुई फीस वापस न होने पर कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन की भी बात कही।

छात्रों ने तुरंत प्रभाव से फीस वृद्धि वापस लेने की मांग भी प्रशासन के समक्ष रखी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मुताबिक, यहां मौजूदा सत्र में लगभग 1,34,000 रुपए से लेकर 1,76,000 रुपए तक भारी फीस बढ़ोतरी की गई है। विद्यार्थी परिषद और विश्वविद्यालय से जुड़े छात्रों का कहना है कि लगातार प्रशासन के समक्ष अपने विषय रखने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं, विद्यार्थियों को निष्कासन की धमकी दिए जाने के बाद छात्रों ने तालाबंदी की और धरने पर बैठे।


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