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गरीब झुग्गीवासियों के पैसे लेकर फ्लैट देना भूल गई दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार बनने से पहले आम आदमी पार्टी ने झुग्गीवासियों के लिए अनेक वादे किए थे, लेकिन अब तक दो साल बीत जाने के बावजूद अरविंद केजरीवाल की सरकार ने कोई भी वादा पूरा नहीं किया है

गरीब झुग्गीवासियों के पैसे लेकर फ्लैट देना भूल गई दिल्ली सरकार
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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार बनने से पहले आम आदमी पार्टी ने झुग्गीवासियों के लिए अनेक वादे किए थे, लेकिन अब तक दो साल बीत जाने के बावजूद अरविंद केजरीवाल की सरकार ने कोई भी वादा पूरा नहीं किया है।

दिल्ली विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को अब दिल्ली नगर निगम के चुनावीं नतीजों से सबक लेते हुए समाज के कमजोर वर्गों के लिए रचनात्मक व ठोस काम करना शुरू कर देना चाहिए और अविलम्ब मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर झुग्गी, झोपड़ी, बस्तियों में रहने वाले लोगों को बन चुके 18 हजार फ्लैटों के आवंटन के लिए नीति तैयार करनी चाहिए। अपने दो वर्ष से अधिक के कार्यकाल में सरकार हजारों गरीब परिवारों को मकान आवंटित नहीं कर पाई है। सरकार ने वर्ष 2015 में स्लम बस्तियों के पुर्नविकास की नीति को लागू करने की जल्दी में वह भूल गई कि उसने झुग्गी झोंपड़ी बस्तियों में रहने वालों के लिए बने बनाए मकान आवंटित करने की योजना को अंतिम रूप देना है।

उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली के किसी भी झुग्गीवासी के साथ सरकार का छल बर्दाश्त नहीं करेगी और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर फ्लैटों का कब्जा मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। गरीबों को पक्के मकान देने का वायदा कर सत्ता में आई केजरीवाल सरकार राजधानी के 46 झुग्गी बस्तियों के लगभग दस हजार परिवारों को आबंटित फ्लैट पर कब्जा न देकर उन्हें कर्ज के भीषण जाल में फंसाकर उनके साथ जबरदस्त धोखा कर रही है।

उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार आवंटी परिवारों को तुरन्त उनको आबंटित पक्के मकान रहने योग्य दशा में उपलब्ध कराए अन्यथा भाजपा इन झुग्गी बस्तियों के लोगों के साथ मिलकर इस अन्याय के खिलाफ हर प्रकार का संघर्ष करेगी।

भाजपा नेता ने बताया कि दिल्ली के लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली सरकार ने राजधानी के झुग्गीवासियों के वोट हासिल करने के लिए उनको पक्के मकान देने का वायदा किया था, जिसके तहत दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने प्रथम चरण में राजधानी की 46 सभी झुग्गी बस्तियों का सर्वेक्षण कराया था। दस्तावेजों की जांच के बाद बोर्ड ने पाया कि वर्ष 2010 तक बसी झुग्गियों के दस हजार लोग पक्के मकान पाने के लिए अहर्ता रखते हैं।

इस बैठक के निर्णय के अनुसार सभी अर्ह पाए गए, झुग्गीवासियों को बवाना औघोगिक क्षेत्र के सैक्टर-3 में बहुमंजिले पक्के फ्लैट बनाकर प्रत्येक आवंटी से लगभग 72 हजार रूपए जमा कराकर उन्हें फ्लैट के आवंटन पत्र दे दिए गए थे। इसके लिए सरकार ने दिल्लीव्यापी जबरदस्त प्रचार अभियान भी चलाया था। आज तक एक भी आवंटी को फ्लैट पर कब्जा नहीं मिला है, जिसके लिए झुग्गीवासियों ने अपनी जिन्दगीभर की कमाई लगाकर व बैंक आदि से ऋण लेकर सरकार को पैसे दिए थे। जिन झुग्गीवासियों से पैसे लिए गए, उनमें जेजे क्लस्टर पार्क साइड-बादली, विराट कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी ज्वालापुरी-पश्चिम विहार, जेजे क्लस्टर, लक्कड़मण्डी-कीर्ति नगर, भाई राम कैंप-रेसकोर्स क्लब, एनसी जोशी मेमोरियल हॉस्पिटल-देशबंधु गुप्ता रोड के साथ कई अन्य हैं।


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