Top
Begin typing your search above and press return to search.

असम पहुंचा गौआतंकियों का आतंक, दो की हत्या, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही सरकार की आलोचना

गौआतंकियों द्वारा गौरक्षा के नाम पर अल्पसंख्यकों व दलितों पर जानलेवा हमलों की गूँज अंतर्राष्ट्रीयस्तर पर उठने लगी है

असम पहुंचा गौआतंकियों का आतंक, दो की हत्या, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही सरकार की आलोचना
X

गौआतंकियों द्वारा गौरक्षा के नाम पर अल्पसंख्यकों व दलितों पर जानलेवा हमलों की गूँज अंतर्राष्ट्रीयस्तर पर उठने लगी है तो गोरक्षा के नाम पर हत्या की आग पूर्वोत्तर में असम तक पहुंच गई है जहां दो लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी।

असम के नौगांव जिले में उग्र भीड़ ने रविवार को दो लोगों की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी। इन दोनों पर मवेशी चोर होने का संदेह था।
असम में गोरक्षा के नाम पर हत्या का यह पहला मामला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों व्यक्तियों की उग्र भीड़ ने जमकर पिटाई की। इन दोनों की आयु 20 से 25 साल के बीच थी।

भीड़ ने आरोप लगाया कि ये दोनों गाय की चोरी में शामिल थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नौगांव के पुलिस अधीक्षक देवराज उपाध्याय ने बताया, ‘जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो उसने देखा कि दोनों व्यक्तियों की नौगांव थाने के अंतर्गत कासामारी चारागाह क्षेत्र के निकट उग्र ग्रामीणों की भीड़ पिटाई कर रही थी।’

उन्होंने बताया, ‘टीम तुरंत लोगों को अस्पताल ले गई, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।’

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने माँग की है कि भारतीय अधिकारियों को तुरंत स्वयंभू "गौ रक्षकों" पर मुकदमा चलाना चाहिए, जिन्होंने मुस्लिमों और दलितों के खिलाफ गायों को बेचने, खरीदने या मारने की अफवाहों पर क्रूर हमले किए हैं।

ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध चरमपंथी हिंदू समूहों से जुड़े हमलावरों के विरुद्ध कार्रवाई करने के स्थान पर पुलिस अक्सर हमले में पीड़ित, उनके रिश्तेदारों और सहकर्मियों के खिलाफ गौवध निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर लेती है।

कई हिन्दू गाय को एकपवित्र पशु मानते हैं और भारत के हिन्दू बहुल अधिकाँश हिस्सों में गाय के वध की मनाही है। मई 2015 से बीफ़ की खपत के खिलाफ एक हिंसक सतर्क अभियान में भीड़ द्वारा हिंसा की सात अलग-अलग घटनाओं में एक 12 वर्षीय लड़के सहित कम से कम 10 मुस्लिमों की हत्या की जा चुकी है।

ह्यूमन राइट्स वॉच की दक्षिण एशिया के निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने कहा, "गैर जिम्मेदार लोकलुभावन से प्रेरित स्वयं नियुक्त गौरक्षक' लोगों को मार रहे हैं और अल्पसंख्यक समुदायों को आतंकित कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा "सरकार को इस हिंसा की निंदा करना चाहिए और इन हमलों के लिए ज़िम्मेदार लोगों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करना चाहिए।"

सुश्री गांगुली ने कहा,
“मई 2014 में जब से मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार मे आई है, चरमपंथी हिन्दू समूहों ने राष्ट्रवाद लागू करने के लिए पूरे देश में भीड़ के रूप में हिंसक हमले किए हैं।“


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it