संविधान पीठ गठन पर विचार करेगा न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल सरकार को आज आश्वस्त किया कि दिल्ली के शासकीय अधिकारों की समीक्षा को लेकर उसकी अपील की सुनवाई के लिए पांच-सदस्यीय संविधान पीठ का गठन कर दिया जाएगा
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल सरकार को आज आश्वस्त किया कि दिल्ली के शासकीय अधिकारों की समीक्षा को लेकर उसकी अपील की सुनवाई के लिए पांच-सदस्यीय संविधान पीठ का गठन कावेरी जल विवाद की सुनवाई पूरी होने के बाद कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि उपराज्यपाल के दिल्ली का शासकीय प्रमुख होने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील की त्वरित सुनवाई जरूरी है और इसके लिए संविधान पीठ का गठन शीघ्र किया जाना चाहिए।
इस पर न्यायालय ने कहा कि कावेरी जल विवाद को लेकर हो रही सुनवाई पूरी होने के बाद केजरीवाल सरकार की अपील की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन किया जायेगा। दिल्ली सरकार की ओर से श्री सुब्रह्मण्यम के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने भी जिरह की। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने हालांकि मामले की सुनवाई के लिए दिवाली की छुट्टी के बाद की तारीख मुकर्रर करने का अनुरोध किया।
दिल्ली सरकार ने दायर की थी याचिका
शीर्ष अदालत ने गत 11 जुलाई को इस मामले की सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ गठित करने पर सहमति जतायी थी। केजरीवाल सरकार ने गत 23 फरवरी को संविधान पीठ गठित करने की मांग करने वाली याचिका दायर की थी। उच्चतम न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ इस मामले को पांच-सदस्यीय संविधान पीठ को पहले ही सौंप चुकी है। न्यायमूर्ति ए के सिकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि मामले में कानून और संविधान का महत्वपूर्ण प्रश्न शामिल है, इसलिए इस पर संविधान पीठ को विचार करना चाहिए।
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