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किसानों की सात मांगों पर बनी सहमति लेकिन किसानों में असंतोष

भारतीय किसान यूनियन और सरकार के बीच किसानों की समस्याओं को लेकर  आज यहां हुयी बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद सुनिश्चित करने

किसानों की सात मांगों पर बनी सहमति लेकिन किसानों में असंतोष
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नयी दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन और सरकार के बीच किसानों की समस्याओं को लेकर आज यहां हुयी बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद सुनिश्चित करने तथा दस साल पुराने ट्रैक्टर का कृषि कार्य में उपयोग जारी रखने समेत सात मुद्दों पर सहमति बनी ।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह के यहां हुयी इस बैठक में भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और कृषि राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी उपस्थित थे। शेखावत ने कहा कि किसान प्रतिनिधियों और सरकार के बीच हुयी बैठक में कई मुद्दों पर सहमति हुयी ।

सूत्रों के अनुसार एमएसपी पर फसलों की खरीद को सुनिश्चित करने को लेकर केन्द्र सरकार राज्यों के साथ बात करेगी । इसके साथ ही दस साल से अधिक पुराने ट्रैक्टर कृषि कार्य में बने रहेंगे। सरकार ने दलहनों का आयात नहीं करने तथा प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना में सुधार करने पर विचार करने का भी भरोसा दिया। सरकार ने कहा कि किसानों के बकाये गन्ने का भुगतान जल्द कराने के प्रयास किये जायेंगे ।

सूत्रों के अनुसार सरकार किसानों की समस्याअों के समाधान के लिए छह सदस्यीय समिति गठित करेगी । बैठक के बाद श्री शेखावत किसानों की मांगों को लेकर हुये निर्णय की जानकारी देने गाजीपुर गये ।

इस बीच किसान यूनियन ने कहा कि उनकी मांगों के संबंध में सरकार के साथ हुयी बातचीत पर यूनियन की बैठक में निर्णय लिया जायेगा ।

इससे पूर्व राष्ट्रीय राजधानी में घुसने की कोशिश कर रहे भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानों पर दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा के निकट गाजीपुर में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे ।

यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान कर्ज माफी तथा अन्य मांगों को लेकर राजधानी में प्रदर्शन के लिए आना चाहते हैं। किसानों ने जब गाजीपुर में पुलिस घेराबंदी तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने पहले उन पर पानी की बौछार की और इसके बाद भी जब वे नहीं माने तो आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान कुछ किसानों को चोटें भी आयीं। बाद में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने किसान नेताओं से बातचीत शुरू की।

किसानों ने अपनी मांगों को लेकर नौ दिन पहले हरिद्वार से यात्रा शुरू की थी जिसका समापन आज राष्ट्रीय राजधानी में होना था। किसानों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश से रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था ।


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