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भाजपा के सवालों के बीच कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल के बचाव में आये आगे

लॉकडाउन के कारण मुसीबतों से जूझ रहे प्रवासी मजदूरों से मिलने को लेकर मोदी सरकार के निशाने पर आये कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बचाव में पार्टी कार्यकर्ता उतर आये है।

भाजपा के सवालों के बीच कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल के बचाव में आये आगे
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इटावा। कोरोना वायरस के बचाव के लिये लागू लॉकडाउन के कारण मुसीबतों से जूझ रहे प्रवासी मजदूरों से मिलने को लेकर मोदी सरकार के निशाने पर आये कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बचाव में पार्टी कार्यकर्ता उतर आये है।

इटावा की काग्रेंस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष उदयभान सिंह यादव ने कहाकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लंबे समय से किसानो,गरीबो,मजदूरो आदि वर्ग के मददगार बन रहे है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 मे पांच दलितों की हत्या के बाद इटावा के इकदिल इलाके के अमीनाबाद गांव में राहुल गांधी का दौरा हुआ था जहाॅ वे पीड़ित परिवार के सदस्य से मिलने के बाद वापस लौट रहे थे। अचानक आलू के खेतों में काम करने वाले किसान से मिल कर उन्होंने उनका हालचाल लिया। साथ ही उसकी बेटी को भी अपने कंघे पर उठा कर अपनेपन का एहसास कराया। यह एक ऐसी घटना थी जिसकी चर्चा हर ओर बड़ी ही तेजी के साथ होना शुरू हो गई।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के किसान के बेटे को कंधे पर उठाने वाली खबर कई न्यूज चैनलो की सुर्खियाॅ भी बन गई थी। उनका कहना है कि देश की वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रवासी मजदूरों से मुलाकात पर सवाल बेसक उठाया हो लेकिन वो कमजोर तबके से जुडे हुए लोगों की आवाज पहले भी सुनते थे और आगे भी सुनते रहेगे ऐसी ही उम्मीद है ।

श्री यादव ने कहा कि असल मे मोदी सरकार कोरोना संक्रमण के बाद मुसीबत के मारे हुए लोगो की मदद करने के नाम पर दिखावा तो बहुत कर रही है लेकिन सतही तौर पर कामगारो की मदद नही हो पा रही है। इसी वजह से राहुल गांधी की प्रवासी मजदूर से मुलाकात के नाम पर मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से ना केवल सवाल उठाया गया बल्कि घोर आपित्त जताई। यहां तक कहा कि श्री गांधी को मजदूरो के साथ बैठ कर उनका समय बरबाद करने के बजाय उनका सामान अपने हाथों में उठा कर उनके साथ चलना चाहिए था, तो ज्यादा बेहतर रहता ।

गौरतलब है कि वर्ष 2008 में उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के अमीनाबाद में हुये सामूहिक नरसंहार के बाद श्री गांधी के दौरे ने कांग्रेसियों को उत्साहित कर दिया था। उस दौरे में वे एक आम आदमी के तौर पर पेश आये। दलितों की हत्या पर शोक जताने अमीनाबाद गांव मे आये राहुल गांधी ने पहली बार सुरक्षा घेरा तोडा था। खेत में आलू खोद रहे किसानो के बीच मे बैठकर उनका हाल चाल जाना था। उनके साथ खाना भी खाया था।


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